नई दिल्ली: दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने हरिणाया के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि मुनक नहर का पानी घटकर 840 क्यूसेक हो गया है. इससे दिल्ली के सात वाटर ट्रीटरमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) से पर्याप्त पानी का उत्पादन नहीं हो पा रहा है. यदि आज हरियाणा ने पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं छोड़ा तो, तो अगले एक से दो दिन में दिल्ली के अंदर बड़ा पेयजल संकट खड़ा हो जाएगा. उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मुनक नहर से दिल्ली के लिए 1050 क्यूसेक पानी छोड़ने की मांग की.
पत्र में आगे लिखा है, यमुना नदी में पानी न छोड़े जाने के मुद्दे पर आपके तत्काल हस्तक्षेप की मांग करती हूं. मैंने आपको कई पत्र भेजे हैं. दुर्भाग्य से उनका जवाब नहीं मिला. दिल्ली अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए यमुना के पानी पर निर्भर है, लेकिन हरियाणा पिछले कुछ दिनों से पर्याप्त मात्रा में जारी नहीं कर रहा है. मई 2018 में बुलाई गई यमुना नदी बोर्ड की 53वीं बैठक में समझौते के अनुसार, सीएलसी और डीएसबी नहरों के माध्यम से मुनक नहर में में दिल्ली को लगभग 1050 क्यूसेक (यानी 568 एमजीडी) देना था.
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उन्होंने लिखा, दिल्ली द्वारा बवाना संपर्क बिंदु पर पानी मापा जाता है. यहां से पानी दिल्ली में प्रवेश करता है. इन फ्लो मीटरों की जांच पिछले सप्ताह ही अपर यमुना रिवर बोर्ड के प्रतिनिधियों ने की है. रिपोर्ट के अनुसार एक जून को 924 क्यूसेक पानी दिल्ली में प्रवेश कर रहा था, लेकिन 7 जून को यह आंकड़ा 840 क्यूसेक तक गिर गया. गर्मियों में हमें 980 से 1030 क्यूसेक के बीच पानी प्राप्त होता है. पत्र में पिछले 5 वर्षों में कितना क्यूसेक पानी मिला, इसका डेटा भी संलग्न किया गया है. एक सप्ताह में इसमें पानी का आवक में भारी कमी दर्ज की गई है. दिल्ली में सात डब्ल्यूटीपी यमुना के पानी पर निर्भर हैं. कच्चे पानी की कमी के कारण डब्ल्यूटीपी पूरी क्षमता पर चलने में असमर्थ हैं. मुनक नहर से पानी घटकर 840 क्यूसेक हो जाने से दिल्ली हमारे 7 डब्ल्यूटीपी से पर्याप्त पानी का उत्पादन करने में असमर्थ हो जाएगी.
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