कानपुर: पूरा-देश इस समय भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर रहा है. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष के नेताओं की भी हमेशा से पसंद रहे. उनका कविता पाठ सभी को बहुत अधिक आकर्षित करता था. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का लखनऊ, दिल्ली, आगरा के साथ ही कानपुर से भी विशेष नाता रहा.
कानपुर के सिविल लाइंस स्थित डीएवी डिग्री कॉलेज में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 1945 में एमए राजनीति विज्ञान में प्रवेश लिया था. इसके बाद 1947 में यहां एमए की पढ़ाई पूरी की. कॉलेज प्राचार्य डॉ.अरुण दीक्षित ने बताया, उसके बाद एलएलबी में पूर्व पीएम दाखिला लेना चाहते थे. मगर स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रियता के चलते वह प्रवेश नहीं ले सके. इसी कॉलेज में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और उनके पिता ने एक साथ पढ़ाई की थी.
आज भी डीएवी कॉलेज में वह रूम नंबर 20 को संरक्षित किया गया है. यहां पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी बैठकर पढ़ाई करते थे. कॉलेज में पूर्व पीएम की स्मृतियों को सहेजने के लिए योगी सरकार की ओर से सेंटर आफ एक्सीलेंस भी बनाया गया है.
डीएवी कॉलेज में राजनीति विज्ञान के एसो. प्रोफेसर विजय प्रताप सिंह ने बताया, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की गिनती मेधावी छात्रों में थी. कॉलेज में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की ओर से दिए गए रिकार्ड वाले बोर्ड में इसकी बानगी देखने को मिलती है, जहां पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम के आगे पोजिशन इन यूनिवर्सिटी कॉलम में सेकेंड लिखा अंकित है.
एसो. प्रोफेसर विजय प्रताप सिंह ने कालेज के रूम नंबर 20 में वह मेज भी दिखाई, जिस पर आगे की ओर से पेन रखने और बगल में बने खानेनुमा स्टैंड में स्याही रखे जाने का प्रमाण भी दिखता है. एसो. प्रो.विजय प्रताप सिंह ने कहा कि पूर्व पीएम का स्वभाव हंसमुख था और वह जिससे मिलते थे उसका दिल जीत लेते थे.
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