ETV Bharat / state

तपती गर्मी से कैसे रखें पौधों को सेफ, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स - protect plants from heat - PROTECT PLANTS FROM HEAT

राजस्थान फिलहाल सीवियर हीट वेव की चपेट में है. यहां अधिकतम तापमान ज्यादातर शहरों में 45 डिग्री से लेकर 48 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है. ऐसे में लोगों के साथ-साथ जीव-जंतु और पेड़ पौधों के लिए भी हालात मुश्किल हो चुके हैं. तेज गर्म हवाओं के बीच खेती-बाड़ी को लेकर आखिर क्या एतिहात बरतनी चाहिए. ईटीवी भारत में इस मुद्दे को लेकर रिटायर्ड सीनियर हॉर्टिकल्चरिस्ट महेश तिवाड़ी से बातचीत की.

पौधों और जानवरों को गर्मी से बचाएं
पौधों और जानवरों को गर्मी से बचाएं (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 24, 2024, 10:20 AM IST

जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. भीषण गर्मी के दौर में जहां एक तरफ सभी बढ़ते तापमान से बचने के जतन कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पेड़ पौधों को भी गर्म हवाओं से बचाने की जरूरत है. इस बारे में सीनियर हॉर्टिकल्चरिस्ट महेश तिवाड़ी का कहना है कि पौधों को पानी देने के लिए सुबह के समय का चयन करना चाहिए, क्योंकि खेती-बाड़ी और घर के बगीचे में दोपहर और शाम के वक्त दिया गया पानी पौधों को जीवन देने की जगह उनके लिए खतरा बन जाता है. इस दौरान धरती का तापमान अधिक होने के कारण पानी जल्द वाष्प में बदलकर उड़ जाता है. लिहाजा पौधे की जरूरत पूरी नहीं हो पाती है.

इसी तरह खेतों को गर्मी से बचाने के लिए खड़ी फसलों में हल्की और लगातार सिंचाई करें. अलग अलग चरणों में इरिगेशन सर्कल को बढ़ाएं. हॉर्टिकल्चरिस्ट तिवाड़ी के अनुसार मिट्टी की नमी को संरक्षित करने के लिए फसल अवशेष, पुआल, पॉलीथिन या मिट्टी की मल्चिंग के साथ मल्च का इस्तेमाल करना चाहिए. केवल सुबह के समय ही सिंचाई करनी चाहिए और स्प्रिंकलर का प्रयोग करना चाहिए. यदि आपका क्षेत्र उष्ण लहर से ग्रस्त है, तो हवा के लिए शेल्टर को अपनाना चाहिए.

पढ़ें: राजस्थान में भीषण गर्मी का कहर, हीट स्ट्रोक से एक महिला समेत 5 लोगों की मौत -

महेश तिवाड़ी के अनुसार गर्मी के मौसम में पेड़ पौधों को पश्चिम से आने वाली गर्म हवाओं से भी बचाने की जरूरत होती है. इसके लिए वह सलाह देते हैं कि पेड़ पौधों की मल्चिंग की जाए यानि की उन्हें एक शेड के जरिए गर्म हवाओं की चपेट में आने से रोका जाए. भीषण गर्मी के दौर में पशुपालक अपने पशुधन को बचाने के लिए भी उपाय कर सकते हैं, ताकि न सिर्फ दूध उत्पादन पर फर्क पड़े. बल्कि पशुओं को गंभीर बीमारी से भी बचाया जा सके.

पशुपालन के लिए क्या करें :-

  1. जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए पर्याप्त स्वच्छ और ठंडा पानी दें.
  2. उनसे सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच काम न करवाएं.
  3. तापमान कम करने के लिए शेड की छत को ढक दें, इसे सफेद रंग दे या गोबर- मिट्टी से प्लास्टर कर दें
  4. शेड में पंखे, वॉटर स्प्रे और फॉगर्स का प्रयोग करें.
  5. अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिड़काव करें और मवेशियों को ठंडा होने के लिए एक जल निकाय में ले जाएं.
  6. उन्हें हरी घास, प्रोटीन-फैट बाईपास पूरक, खनिज मिश्रण और नमक दें. ठंडे समय के दौरान उन्हें चरने दें.
  7. पॉल्ट्री हाउस में उचित वेंटिलेशन प्रदान करें.
  8. दोपहर के दौरान मवेशियों को चराने से बचें.

उष्ण लहर में कैसे रखें खेती का ध्यान :-

  • खड़ी फसलों में हल्की और लगातार सिंचाई करें.
  • अलग-अलग चरणों में इरिगेशन सर्कल को बढ़ाएं.
  • मिट्टी की नमी को संरक्षित करने के लिए फसल अवशेष, पुआल, पॉलीथिन या मिट्टी की मल्चिंग करें.
  • केवल सुबह के समय ही सिंचाई करें.
  • स्प्रिंकलर सिंचाई का प्रयोग करें.

पढ़ें: आसमान से बरस रही आग, राजस्थान में पारा 48 पार, जानें अपने शहर का हाल

प्लांटेशन का भी रखें ख्याल : हॉर्टिकल्चरिस्ट महेश तिवाड़ी के मुताबिक शहरों के विकास के साथ-साथ आबादी की जरूरत को देखते हुए जैव विविधता पर इसका सीधा असर हो रहा है. उन्होंने कहा कि जमीन की जरूरत में पेड़, पौधे और वनस्पति को खत्म किया जा रहा है, जिसके कारण तापमान में इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा कि वे गर्मी के बाद आने वाले बारिश के सीजन में लोगों से अपील कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा प्लांटेशन पर जोर दिया जाए. लोगों को इसके लिए अपने जीवन के खास अवसर का चुनाव भी करना चाहिए ताकि जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति मिल सके.

जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. भीषण गर्मी के दौर में जहां एक तरफ सभी बढ़ते तापमान से बचने के जतन कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पेड़ पौधों को भी गर्म हवाओं से बचाने की जरूरत है. इस बारे में सीनियर हॉर्टिकल्चरिस्ट महेश तिवाड़ी का कहना है कि पौधों को पानी देने के लिए सुबह के समय का चयन करना चाहिए, क्योंकि खेती-बाड़ी और घर के बगीचे में दोपहर और शाम के वक्त दिया गया पानी पौधों को जीवन देने की जगह उनके लिए खतरा बन जाता है. इस दौरान धरती का तापमान अधिक होने के कारण पानी जल्द वाष्प में बदलकर उड़ जाता है. लिहाजा पौधे की जरूरत पूरी नहीं हो पाती है.

इसी तरह खेतों को गर्मी से बचाने के लिए खड़ी फसलों में हल्की और लगातार सिंचाई करें. अलग अलग चरणों में इरिगेशन सर्कल को बढ़ाएं. हॉर्टिकल्चरिस्ट तिवाड़ी के अनुसार मिट्टी की नमी को संरक्षित करने के लिए फसल अवशेष, पुआल, पॉलीथिन या मिट्टी की मल्चिंग के साथ मल्च का इस्तेमाल करना चाहिए. केवल सुबह के समय ही सिंचाई करनी चाहिए और स्प्रिंकलर का प्रयोग करना चाहिए. यदि आपका क्षेत्र उष्ण लहर से ग्रस्त है, तो हवा के लिए शेल्टर को अपनाना चाहिए.

पढ़ें: राजस्थान में भीषण गर्मी का कहर, हीट स्ट्रोक से एक महिला समेत 5 लोगों की मौत -

महेश तिवाड़ी के अनुसार गर्मी के मौसम में पेड़ पौधों को पश्चिम से आने वाली गर्म हवाओं से भी बचाने की जरूरत होती है. इसके लिए वह सलाह देते हैं कि पेड़ पौधों की मल्चिंग की जाए यानि की उन्हें एक शेड के जरिए गर्म हवाओं की चपेट में आने से रोका जाए. भीषण गर्मी के दौर में पशुपालक अपने पशुधन को बचाने के लिए भी उपाय कर सकते हैं, ताकि न सिर्फ दूध उत्पादन पर फर्क पड़े. बल्कि पशुओं को गंभीर बीमारी से भी बचाया जा सके.

पशुपालन के लिए क्या करें :-

  1. जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए पर्याप्त स्वच्छ और ठंडा पानी दें.
  2. उनसे सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच काम न करवाएं.
  3. तापमान कम करने के लिए शेड की छत को ढक दें, इसे सफेद रंग दे या गोबर- मिट्टी से प्लास्टर कर दें
  4. शेड में पंखे, वॉटर स्प्रे और फॉगर्स का प्रयोग करें.
  5. अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिड़काव करें और मवेशियों को ठंडा होने के लिए एक जल निकाय में ले जाएं.
  6. उन्हें हरी घास, प्रोटीन-फैट बाईपास पूरक, खनिज मिश्रण और नमक दें. ठंडे समय के दौरान उन्हें चरने दें.
  7. पॉल्ट्री हाउस में उचित वेंटिलेशन प्रदान करें.
  8. दोपहर के दौरान मवेशियों को चराने से बचें.

उष्ण लहर में कैसे रखें खेती का ध्यान :-

  • खड़ी फसलों में हल्की और लगातार सिंचाई करें.
  • अलग-अलग चरणों में इरिगेशन सर्कल को बढ़ाएं.
  • मिट्टी की नमी को संरक्षित करने के लिए फसल अवशेष, पुआल, पॉलीथिन या मिट्टी की मल्चिंग करें.
  • केवल सुबह के समय ही सिंचाई करें.
  • स्प्रिंकलर सिंचाई का प्रयोग करें.

पढ़ें: आसमान से बरस रही आग, राजस्थान में पारा 48 पार, जानें अपने शहर का हाल

प्लांटेशन का भी रखें ख्याल : हॉर्टिकल्चरिस्ट महेश तिवाड़ी के मुताबिक शहरों के विकास के साथ-साथ आबादी की जरूरत को देखते हुए जैव विविधता पर इसका सीधा असर हो रहा है. उन्होंने कहा कि जमीन की जरूरत में पेड़, पौधे और वनस्पति को खत्म किया जा रहा है, जिसके कारण तापमान में इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा कि वे गर्मी के बाद आने वाले बारिश के सीजन में लोगों से अपील कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा प्लांटेशन पर जोर दिया जाए. लोगों को इसके लिए अपने जीवन के खास अवसर का चुनाव भी करना चाहिए ताकि जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण से मुक्ति मिल सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.