भोपाल: 2024 की अद्भुत खगोलीय घटना साल के आखिरी महीने में होने जा रही है. शुक्रवार 6 दिसंबर और शनिवार 7 दिसंबर की शाम आकाश में बेहद खास खगोलीय घटना दिखने जा रही है. जिसमें सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर यानि की बृहस्पति इस साल के लिये पृथ्वी के सबसे नजदीक आकर सबसे तेज चमक के साथ अपेक्षाकृत बड़ा दिखने जा रहा है.
शुक्र को बृहस्पति के होंगे खास दीदार
बृहस्पति के धरती के नजदीक आ जाने की इस घटना के मायने क्या है. पृथ्वी से बृहस्पति कितनी दूरी पर होता है. इस बारे में जानकारी देते हुए नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि "शुक्रवार को जुपिटर इस साल के लिये पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा. इस घटना को जुपिटर एट पेरिजी कहते हैं. इस समय जुपिटर की पृथ्वी से दूरी लगभग 61 करोड़ 17 लाख 61 हजार किमी होगी. इस तरह गुरूदर्शन का यह सबसे अच्छा अवसर होगा. जबकि इसे पास होने के कारण सबसे अधिक चमकीला और अपेक्षाकृत बड़ा देख पायेंगे."
टेलीस्कोप से दिखेंगे बृहस्पति के मून
सारिका ने बताया कि "आप जुपिटर को शाम को चमकते हुए पूर्व दिशा में देख सकते हैं, लेकिन अगर आप टेलिस्कोप से देखेंगे, तो इसकी डिस्क की पटिटकाओं को व इसके मून को भी देख पायेंगे. इस घटना के समय जुपिटर माईनस 2.8 के मैग्नीटयूड से चमक रहा होगा. बृहस्पति जिसे गुरू भी कहते हैं. इस समय आकाश में वृषभ तारामंडल में है. यह शाम उदित होने के बाद रात भर आकाश में रहकर मध्यरात्रि में सिर के ठीक उपर होगा. सुबह पश्चिम में अस्त हो जायेगा.
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शनिवार को आकाश में बनेगी ग्रहों की ऐसी कतार
सारिका गारु के मुताबिक इस घटना के अगले दिन शनिवार को जुपिटर एट अपोजीशन की खगोलीय घटना होने जा रही है. इसमें सूर्य की परिक्रमा करती हुई पृथ्वी इस स्थिति में आ जायेगी कि पृथ्वी के एक ओर सूर्य होगा तो दूसरी ओर जुपिटर. इस तरह जुपिटर, पृथ्वी और सूर्य एक सरल रेखा में होंगे.