श्रीनगर: बरसात के मौसम में दमा के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बेस अस्पताल श्रीकोट में रोजाना 20 से ज्यादा दमे के मरीज पहुंच रहे हैं. जिस पर डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य दिनों के मुकाबले इन दिनों मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है. ऐसे में मरीज इनहेलर की डोज को बढ़ा सकते हैं.
दमे के मरीज पर असर डाल रहा मौसम में बदलाव: दरअसल, गढ़वाल क्षेत्र के पर्वतीय जिलों के हायर सेंटर बेस अस्पताल श्रीकोट में दमे के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रोजाना ओपीडी में 20 से 25 दमे के मरीज पहुंच रहे हैं. छाती एवं टीबी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर विक्की बख्शी ने बताया कि इन दिनों मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में दमे के मरीजों पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है.
नमी और उमस के कारण मरीजों को हो रही समस्या: तापमान एक जैसा न होने नमी और उमस के कारण मरीजों के दम घुटने की समस्या हो रही है. उन्होंने बताया कि अन्य सामान्य दिनों में उनके पास 8 से 10 दमे के मरीज पहुंचते थे, लेकिन इन दिनों यह संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है. उनकी लगभग 35 मरीजों की ओपीडी हैं. डॉ. बख्शी ने कहा कि 40 साल से ज्यादा के उम्र के लोगों को काला दमा की शिकायत और इससे कम उम्र के मरीजों में सामान्य दमा पाया जाता है.
सामान्य दमा के मरीज पहुंच रहे ज्यादा, काले दम से अटैक पड़ने की बढ़ जाती है संभावना: इन दिनों सामान्य दमा के मरीज ज्यादा हैं. अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो यह काले दमा में परिवर्तित हो जाता है. साथ ही अटैक पड़ने की संभावना भी बनी रहती है. डॉ. विक्की बख्शी ने कहा कि स्किन प्रिक टेस्ट किट के लिए अस्पताल प्रशासन को डिमांड भेजी गई है, जिसका फायदा मरीजों को मिल पाएगा.
बरतें ये एहतियात: डॉक्टर विक्की बख्शी ने बताया कि सितंबर महीने तक सामान्य दमा के मरीजों को दिक्कतें आ सकती हैं. ऐसे में सावधानी बरतना बेहद आवश्यक है. ठंडे पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. साथ ही डॉक्टर से परामर्श लेकर इनहेलर की डोज को बढ़ाया जा सकता है.
ये भी पढ़ें-