रांचीः राजभवन घेराव करने जा रहे सहायक पुलिसकर्मियों को पुलिस के द्वारा मोरहाबादी मैदान में ही रोक दिया गया है. अपनी मांगों के समर्थन में सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान में आंदोलन कर रहे हैं. गुरुवार को तय कार्यक्रम के तहत में मोरहाबादी मैदान से राजभवन घेराव के लिए निकले थे लेकिन भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच उन्हें मोरहाबादी मैदान में ही रोक दिया गया है. सिटी डीएसपी के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस मोरहाबादी मैदान में तैनात है और सहायक पुलिस कर्मियों को समझाने में लगी हुई है.
इससे पहले सोमवार 1 जुलाई से ही राज्य के 12 अति नक्सल प्रभावित जिलों के करीब ढाई हजार सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन रांची के मोरहाबादी मैदान में शुरू हो गया है. वह फिर एक बार राजधानी पहुंचकर मोरहाबादी मैदान में बैठ गए हैं. सोमवार 01 जुलाई को पदस्थापन वाले जिलों में सामूहिक अवकाश पर रहने के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने रांची पहुंचकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है.
वर्ष 2017 में राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में विधि-व्यवस्था दुरुस्त रखने में सहायता के लिए जिन सहायक पुलिस की नियुक्ति हुई थी. सात साल से काम कर रहे सहायक पुलिसकर्मी अपने अनुबंध की नौकरी को स्थायी की मांग कर रहे हैं. दो साल पहले भी मानसून के महीने में सहायक पुलिस कर्मियों का लंबा आंदोलन मोरहाबादी मैदान में चला था. हालांकि तब सेवा विस्तार के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था.
इससे पहले मंगलवार को इस संबंध में सहायक पुलिस जवान संघ के विवेका गुप्ता ने मीडिया के साथ बात करते हुए बताया कि वे लोग 2017 से मात्र 10 हजार रुपये के मासिक मानदेय पर नौकरी कर रहे हैं. 10 हजार रुपये में अब परिवार चलाना संभव नहीं है. राज्य में पुलिस जवानों की घोर कमी है. ऐसे में पुलिस सेवा के खाली पदों पर उनका समायोजन हो.
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