पटनाः नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया है और अब वह एनडीए का हिस्सा हैं. सरकार को विश्वास प्रस्ताव पेश करना है. उससे पहले एनडीए की ओर से विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास का नोटिस दिया गया है क्योंकि स्पीकर ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है. इन सबके बीच तेजस्वी यादव का ये कहना कि खेला अभी बाकी है, ये कई सवाल खड़े कर रहा है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा इस बात की है कि क्या आरजेडी खेल करने में कामयाब हो पाएगी?
विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्तावः जानाकरी के मुताबिक बिहार विधानसभा अध्यक्ष फिलहाल कानूनी सलाह ले रहे हैं. सदन के अंदर अध्यक्ष से मिलने कुछ अधिवक्ता पहुंचे थे, विधानसभा अध्यक्ष को लालू प्रसाद यादव के ग्रीन सिग्नल का भी इंतजार होगा. लालू प्रसाद यादव या तेजस्वी यादव की ओर से ग्रीन सिग्नल मिलेगा तभी अध्यक्ष इस्तीफा देंगे, अन्यथा वह अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष सोमवार को भी अपने कार्यालय पहुंचे थे और दैनिक कार्यों का निपटारा किया था.
संविधान के तहत क्या है प्रावधानः विधानसभा अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास का नोटिस विधानसभा सचिव को दिया जाता है और 14 दिन बाद प्रस्ताव लाया जा सकता है. संविधान की धारा 179 और विधानसभा की कार्यवाही नियमावली 110 के तहत यह कार्यवाही होती है. अब 12 फरवरी से विधानसभा का सत्र शुरू होना है और 14 दिन की मियाद 10 फरवरी को पूरी हो रही है. ऐसे में अगर विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी इस्तीफा नहीं देते हैं तो 12 फरवरी को उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है.
अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में पड़ सकते हैं वोटः अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वर्तमान अध्यक्ष सदन के अंदर जाएंगे और अपनी कुर्सी पर बैठेंगे सचिव की ओर से यह ऐलान किया जाएगा कि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस आया है. सचिव के नोटिस को लेकर अगर 38 विधायक हाथ उठाकर यह कह देंगे कि हम अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में है तो विधानसभा अध्यक्ष कुर्सी छोड़कर चले जाएंगे और विधानसभा उपाध्यक्ष आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे.
तेजस्वी यादव की उम्मीदें अभी बाकीः इस पूरे घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे ने कहा है कि जिस दिन नोटिस दिया गया, उसके 14 दिन के बाद विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है. अगर वोटिंग में प्रस्ताव पारित हो गया तो अध्यक्ष कुर्सी छोड़ देंगे और अगर नहीं पारित हो पाया तो अध्यक्ष बने रहेंगे. इधर तेजस्वी यादव को उम्मीद है कि अभी भी उनके पास ताकत है और वह खेल कर सकते हैं. दरअसल तेजस्वी यादव ने कहा है कि अभी बहुत कुछ बाकी है. इंतजार कीजिए जल्द ही हम अपने पत्ते खोलेंगे.
"अगर स्पीकर इस्तीफा नहीं देते हैं तो 14 दिन के बाद विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है. वैसे मेरी जो समझ है उसके मुताबिक वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष वोटिंग की नौबत नहीं आने देंगे और इस्तीफा दे देंगे"- अरुण पांडे, वरिष्ठ पत्रकार
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