Madhya Pradesh formula in Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश का फर्मूला सुपरहिट हो गया है. महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री लाडकी बहीण योजना ने कमाल कर दिखाया है और महायुति की सरकार को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम कुछ ऐसे ही संकेत दे रहे हैं. एक तरह से मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव की याद दिला रहे हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की शिवराज सरकार के खिलाफ जमकर माहौल देखने मिल रहा था लेकिन मतदान के दिन महिला मतदाताओं की बढ़ोत्तरी के कारण पूरा पांसा पलट गया. उम्मीद के विपरीत मध्यप्रदेश में भारी बहुमत के साथ भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब हुई. ऐसा ही नजारा महाराष्ट्र में देखने को मिला.
एमपी की तर्ज पर महाराष्ट्र में लाडली बहना योजना
पिछले कुछ विधानसभा चुनावों पर गौर करें, तो वोटर्स सरकार के 5 साल के कामकाज पर कम,बल्कि ऐसी योजनाओं पर वोट कर रहे हैं जो उन्हें प्रत्यक्ष तौर पर फायदा पहुंचा रही हैं या ऐसा कहें, जिनमें नगद पैसा मिल रहा है. महाराष्ट्र में महायुति सरकार ने चुनाव के करीब 4 महीने पहले मध्यप्रदेश की तर्ज पर लाडकी बहीण योजना की शुरूआत की थी और इसके तहत महिलाओं के खाते में 4 महीने से 1500 रुपये पहुंच रहे थे. वहीं मतदान के बाद आए चुनाव आयोग के आंकड़ों से भी साफ हो गया कि पिछले चुनाव की अपेक्षा महिला मतदाताओं ने करीब 6 फीसदी ज्यादा मतदान किया.
क्या कहते हैं महिला मतदान के आंकड़े
दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान में करीब 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. खास बात ये थी कि ये मतदान प्रतिशत महिला मतदाताओं के कारण बढ़ा. चुनाव आयोग के आंकड़ें बताते हैं कि 2019 में जहां 59.26 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने मतदान किया था. वहीं 2024 विधानसभा चुनाव में ये बढकर 65.21 प्रतिशत बढ़ गया. मतलब कुल 5.95 फीसदी महिला मतदान में वृद्धि दर्ज की गई. 2019 में के चुनाव में 2 करोड़ 53 लाख 90 हजार 647 महिलाओं ने मतदान किया,जबकि 2024 चुनाव में 3 करोड़ 6 लाख 49 हजार 318 महिलाओं ने मतदान किया.
आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में मतदान
कुल मिलाकर पिछले चुनाव की अपेक्षा महिलाओं के 52 लाख 58 हजार 671 मत ज्यादा पड़े और सत्तापक्ष को फायदा मिला. आंकडों के मुताबिक महिला मतदाताओं के मतदान में वृद्धि विशेष तौर पर आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में दर्ज की गयी है. इसकी वजह महायुति सरकार की लाडकी बहीण योजना मानी जा रही है. जिसके अंतर्गत महिलाओं को सरकार पिछले 4 महीने से महिलाओं को 15 सौ रूपए दे रही है. मुंबई महानगर, ठाणे, आदिवासी जिले पालघर, एमएमआर क्षेत्र में महिलाओं के मतदान में अच्छी बढत देखने मिली.
गरीब तबके के वोटों ने बदला मिजाज
जानकारों के मुताबिक चाहे मुंबई महानगर जैसे इलाके हो या फिर ग्रामीण आदिवासी इलाके, इनमें महिलाओं के मतदान में वृद्धि देखने मिली. माना जा रहा है कि गरीब तबके की महिलाएं हर महीने 15 सौ रूपए की योजना से प्रभावित थी और सरकार के दूसरे कामकाज पर उन्होंने किसी तरह से गौर नहीं किया. उन्होंने अगले 5 साल तक 15 सौ रूपए मिलना सुनिश्चित कर दिया.
लाडकी बहीण योजना का किसे मिल रहा लाभ
मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नूरी खान कहती हैं कि "हमारी भोली भाली बहनें समझ नहीं पा रही कि उन्हें किस तरह बरगलाया जा रहा है. खैर, मध्यप्रदेश में भी इसका लाभ मिला था, लेकिन आज बहनों की क्या हालत है. अगर महाराष्ट्र में नतीजे पलटे हैं, तो बेशक इनकी सारी योजनाएं चुनावी है. जहां चुनावी फायदा नहीं मिलेगा, वहां ये सरकार गिरा सकते हैं, ये महिलाएं सक्षम हैं. देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है, मैं कहती हूं कि बैलेट पेपर से चुनाव करवाना चाहिए. चुनाव के समय पर जो घोषणाएं की जाती हैं, उनकी समीक्षा की जानी चाहिए. आज मध्यप्रदेश में बहनों के पास जाइए, उनके हालत देखिए, चुनावी योजनाओं का फायदा वो लोग ले रहे हैं जो सत्तासीन हैं."
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विरोधियों को दिखाया आइना
एमपी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों से उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि "चुनाव परिणाम ने विरोधी पार्टियों को आइना दिखाया है. यहां महिला मतदाताओं ने जमकर मतदान किया. इसी का नतीजा है कि एक बार फिर यहां महायुति की सरकार बनने जा रही है. वहीं लाडली योजना से नतीजे पलटने के सवाल पर उनका कहना है कि महिलाओं के उत्थान के लिए सरकार लगातार काम कर रही है यह उसी का नतीजा है."