उदयपुर.पर्यावरणीय विषयों के ख्यातनाम विशेषज्ञ, गुजरात निवासी पद्मश्री सवजीभाई ढोलकिया सोमवार को उदयपुर यात्रा पर रहे.उन्होंने असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया व जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की टीम के साथ आयड़ नदी के सौंदर्यीकरण कार्य तथा गुलाबबाग स्थित बर्ड पार्क का निरीक्षण किया. दोनों स्थलों पर विकास की संभावनाएं तलाशी.जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से विचार-विमर्श किया.जल्द ही दोनों स्थलों को और अधिक आकर्षक, उपयोगी और सुदृढ़ बनाने को लेकर कार्ययोजना तैयार की जाएगी.
उदयपुर पहुंचे अपनी टीम के साथ: राज्यपाल कटारिया के आमंत्रण पर ढोलकिया अपनी टीम के साथ विशेष चार्टर विमान से उदयपुर पहुंचे. कटारिया व ढोलकिया गुलाबबाग स्थित बर्ड पार्क पहुंचे. उन्होंने बर्ड पार्क के विभिन्न प्रभागों को देखा और विकास की संभावनाओं पर चर्चा की. पक्षी विशेषज्ञ रजत भार्गव व डीएफओ डीके तिवारी ने बर्ड पार्क में ग्रीन मुनिया ब्रीडिंग सेंटर, ब्लू ब्रेस्टेड क्वेल सहित विभिन्न पक्षियों के पिंजरों को दिखाया और यहां की गतिविधियों के संबंध में जानकारी मुहैया करवाई.
नई प्रजातियां लाओ, आकर्षक बनाओ:ढोलकिया ने इस दौरान वन विभागीय अधिकारियों से बर्ड पार्क पर किए जाने वाले खर्च और आमदनी के बारे में पूछा तो अधिकारियों ने बताया कि प्रतिमाह लगभग 5 लाख रुपए खर्च होते हैं और दर्शकों से आय 15 लाख रुपए वार्षिक होती है. ढोलकिया ने कहा कि इस बर्ड पार्क से सालाना 50 लाख रुपए प्रोफिट हो सकता है, इसके लिए पार्क में पक्षियों की नई प्रजातियां लानी होंगी. आम आदमी के लिए रियायती टिकट लगे पर फोटोग्राफी करने वालों से अतिरिक्त राशि ली जा सकती है. उन्होंने पार्क को आकर्षक बनाने और लोहे के पिंजरों के स्थान पर गेल्वेनाइज के पिंजरों को लगाने का सुझाव दिया. इस दौरान उन्होंने सेंटर जू अथोरिटी द्वारा स्वीकृत पक्षियों की प्रजातियों को यहां लाने का सुझाव दिया. राज्यपाल कटारिया ने बर्ड पार्क विकास के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करते हुए अग्रेषित करने के निर्देश दिए. कटारिया ने ढोलकिया को इस बर्ड पार्क को ए-क्लास बनाने के लिए सुझाव देने का आह्वान किया.
आयड़ नदी सौंदर्यीकरण कार्य का अवलोकन: बर्ड पार्क के अवलोकन के बाद कटारिया व ढोलकिया अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की टीम के साथ आयड़ पुलिया पर पहुंचे. वहां उन्होंने नदी पेटे में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यों का अवलोकन किया. जिला कलक्टर पोसवाल ने अवगत कराया कि राज्यपाल कटारिया के प्रयासों से 5 वर्ष पूर्व आयड़ सौंदर्यीकरण कार्य प्रारंभ हुआ. तत्कालीन समय में भामाशाहों के सहयोग से पूरे नदी पेटे की सफाई कराई गई. इसके पश्चात स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सौंदर्यीकरण कार्य प्रारंभ हुआ. इसमें नदी के बीच में कैनाल तैयार की गई तथा दोनों किनारों पर रिवर फ्रंट बेड तैयार किया गया है. कटारिया ने आयड़ नदी सौंदर्यीकरण को लेकर और अधिक संभावनाओं पर चर्चा की. इस पर ढोलकिया ने मानसून में पानी की आवक, सिंचाई प्रबंधन, सौंदर्यीकरण आदि बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों और अधिकारियों से चर्चा कर कार्ययोजना तैयार किए जाने की बात कही.