रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले छिड़ी राजनीतिक जंग के आए दिन नए-नए रूप देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के नेतृत्व में सत्ताधारी दलों के नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा है तो दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल भाजपा चुनावी चक्रव्यूह को मजबूत करने में जुटी है. प्रोजेक्शन के खेल में आज पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन एक कदम आगे नजर आए. तबीयत नासाज होने की वजह से जमशेदपुर के टीएमएच में भर्ती होने के बावजूद उन्होंने वीरों की भूमि भोगनाडीह में आयोजित 'मांझी परगना महासम्मेलन' को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. उन्होंने संथाली भाषा में लोगों से संवाद किया.
संथाल की जनता के प्रति चंपाई सोरेन के इस लगाव को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने अंदाज में बयां किया है. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन अस्पताल के बेड पर नजर आ रहे हैं. इसके बावजूद भोगनाडीह में आयोजित 'मांझी परगना महासम्मेलन' को ऑनलाइन संबोधित कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उनकी तारीफ करते हुए लिखा है कि सच्ची नेतृत्व क्षमता वही है, जो कठिनाइयों के बीच भी अपने लोगों के प्रति समर्पित रहे. उन्होंने लिखा है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई जी ने अस्पताल में रहते हुए भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से "मांझी परगना महासम्मेलन" को संबोधित किया, जो उनके जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाता है. मां कामाख्या और श्रीमंत शंकरदेव से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.
सच्ची नेतृत्व क्षमता वही है जो कठिनाइयों के बीच भी अपने लोगों के प्रति समर्पित रहे।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) October 6, 2024
झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री @ChampaiSoren जी ने अस्पताल में रहते हुए भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से " मांझी परगना महासम्मेलन" को संबोधित किया, जो उनके जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण को… pic.twitter.com/TtDTTLKfWr
दरअसल, सीएम की कुर्सी गंवाने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा में हुए अपमान की दुहाई देकर चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हुए. उसके बाद से चंपाई सोरेन परंपरागत तरीके से आदिवासी समाज के बीच जाकर हेमंत सरकार को घेर रहे हैं. वह आदिवासी समाज के लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं. इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि आज की झारखंड मुक्ति मोर्चा शिबू सोरेन वाली झामुमो नहीं रह गई है.
वहीं भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम में शामिल झामुमो के पूर्व विधायक और वर्तमान में भाजपा नेता लोबिन हेंब्रम ने कहा कि झारखंड की पहचान यहां की परंपरा है. उस परंपरा को जीवित करने के लिए 'मांझी परगना महासम्मेलन ' का आयोजन किया जा रहा है. इसमें समाज के लोग एक साथ बैठकर समस्याओं का जिक्र करते हैं. उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा ने वादा किया था कि सरकार बनते ही पी-पेसा को लागू किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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