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मानसून मैसेंजर पहुंचे कोरबा, सात समंदर पार से पहुंचे विदेशी मेहमान बताएंगे इस साल कैसी होगी बारिश - Monsoon Messenger Birds

Monsoon Messenger Birds, Messengers Of Monsoon मानसून का संदेश लेकर खूबसूरत प्रवासी पक्षी छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कनकी पहुंच गए हैं. Asian OpenBill Storks पक्षी अक्टूबर से नवंबर तक कनकी में ही रहेंगे. प्रजनन के बाद अपने बच्चों के साथ वापस लौट जाएंगे. Migratory Birds In Korba, Monsoon In Chhattisgarh

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 3, 2024, 2:17 PM IST

ASIAN OPENBILL STORKS BIRDS
कोरबा में प्रवासी पक्षी शियन ओपन बिल स्टॉर्क (कोरबा में प्रवासी पक्षी शियन ओपन बिल स्टॉर्क)

कोरबा: मानसून का संदेश लेकर खूबसूरत प्रवासी पक्षी कोरबा के कनकी पहुंच चुके हैं. कोरबा का कनकेश्वर धाम आसपास के जिलों में बाबा धाम के नाम से मशहूर है. भगवान शिव की आराधना के साथ कनकी को प्रवासी पक्षियों के रहवास के लिए भी जाना जाता है. जहां जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में खूबसूरत एशियन ओपन बिल स्टॉर्क बर्ड अपना घोंसला बनाते हैं. अपने प्रजनन काल का समय ये पक्षी इन्हीं घोसलों में बिताते हैं. बच्चों को बड़ा करते हैं और फिर नवंबर-दिसंबर में वापस उड़ जाते हैं. भारत के साथ ही Asian OpenBill Storks बर्ड साइबेरिया और ऑस्ट्रेलिया में पाये जाते हैं. इस वजह से इन्हें प्रवासी पक्षी की संज्ञा दी जाती है.

कोरबा में प्रवासी पक्षी शियन ओपन बिल स्टॉर्क (कोरबा में प्रवासी पक्षी शियन ओपन बिल स्टॉर्क)

बड़ी तादात में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं कनकी : कनकी में मानसून की शुरुआत के साथ ही प्रवासी पक्षी पहुंच जाते हैं. इनकी तादाद सैकड़ों में होती है. ऐसा माना जाता है कि यह मानसून का संदेश लेकर पहुंचते हैं. जब पक्षी कनकी पहुंचने लगे तो यह मान लिया जाता है कि मानसून आ चुका है. कनकी का वातावरण इन पक्षियों के लिए बेहद अनुकूल है. हसदेव नदी का किनारा, पीपल पेड़ और दूर तक फैले, मैदान और खेत इन पक्षियों को अच्छा वातावरण देते हैं, इस वजह से ये प्रवासी पक्षी दशकों से कनकी में मौजूद शिव मंदिर के आसपास के पेड़ पर अपना घोंसला तैयार करते हैं. MIGRATORY BIRDS IN KORBA

Monsoon Messenger Birds
प्रजनन के लिए कोरबा पहुंचे ओपन बिल स्टोर्क पक्षी (ETV Bharat Chhattisgarh)

किसानों के मित्र होते हैं एशियन ओपन बिल स्टॉर्क बर्ड : मानसून के आगमन के साथ ही किसान अपने फसल की बुवाई भी शुरू करते हैं. यह पक्षी एक तरह से किसानों के मित्र होते हैं. फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीट, पतंग को वह अपना भोजन बनाते हैं और इस तरह वह फसलों को नुकसान पहुंचने से रोकने में किसानों की मदद भी करते हैं. यह पक्षी पूरे मानसून के दौरान जब तक की फसल पककर तैयार ना हो जाए. तब तक पेड़ों पर निवास करते हैं. कोरबा में कनकी के साथ ही छत्तीसगढ़ के और भी कई इलाकों में इन पक्षियों के मौजूदगी है. जहां वह प्रजनन काल के लिए प्रवास पर आते हैं. स्थानीय भाषा में इन्हें घोंघिल पक्षी के नाम से भी जाना जाता है. जो लंबी और आकर्षक चोंच वाले होते हैं.

Monsoon Messenger Birds
कोरबा में प्रवासी पक्षी (ETV Bharat Chhattisgarh)

विदेश में पाई जाती है इनकी प्रजाति : भारत के साथ ही एशियन ओपन बिल स्टॉर्क बर्ड दक्षिण पूर्व एशिया सहित चीन, ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया, वियतनाम थाईलैंड, इंडोनेशिया, म्यांमारजेड मलेशिया सिंगापुर और साइबेरिया जैसे देशों में पाए जाते हैं. दुनिया के कई देशों में इनकी मौजूदगी है. सामान्य पक्षियों की तुलना में इनका आकार काफी बड़ा होता है. लंबी चोंच के कारण यह काफी खूबसूत दिखते हैं.

हर साल पक्षी आते हैं कनकी : कोरबा वन मंडल के डीएफओ अरविंद पीएम ने बताया कि एशियन ओपन बिल स्टॉर्क बर्ड अपने प्रजनन के लिए हर साल कनकी में आते हैं. यहां उन्हें उपयुक्त वातावरण मिलता है. जिसके कारण वह कनकी में पेड़ पर अपना आशियाना बनाते हैं. काफी मात्रा में वो यहां पहुंचते हैं, वह जून के अंत में यहां जाते हैं और नवंबर, दिसंबर तक यहां रहते हैं. वन विभाग का प्रयास है कि उन्हें उपयुक्त वातावरण दिया जाए और लोगों में भी जागरूकता फैला रहे हैं. ताकि वह पक्षियों को किसी तरह का नुकसान ना पहुंचायें. वॉल पेंटिंग के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई जा रही है.

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कोरबा में प्रवासी पक्षी शियन ओपन बिल स्टॉर्क (कोरबा में प्रवासी पक्षी शियन ओपन बिल स्टॉर्क)

बड़ी तादात में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं कनकी : कनकी में मानसून की शुरुआत के साथ ही प्रवासी पक्षी पहुंच जाते हैं. इनकी तादाद सैकड़ों में होती है. ऐसा माना जाता है कि यह मानसून का संदेश लेकर पहुंचते हैं. जब पक्षी कनकी पहुंचने लगे तो यह मान लिया जाता है कि मानसून आ चुका है. कनकी का वातावरण इन पक्षियों के लिए बेहद अनुकूल है. हसदेव नदी का किनारा, पीपल पेड़ और दूर तक फैले, मैदान और खेत इन पक्षियों को अच्छा वातावरण देते हैं, इस वजह से ये प्रवासी पक्षी दशकों से कनकी में मौजूद शिव मंदिर के आसपास के पेड़ पर अपना घोंसला तैयार करते हैं. MIGRATORY BIRDS IN KORBA

Monsoon Messenger Birds
प्रजनन के लिए कोरबा पहुंचे ओपन बिल स्टोर्क पक्षी (ETV Bharat Chhattisgarh)

किसानों के मित्र होते हैं एशियन ओपन बिल स्टॉर्क बर्ड : मानसून के आगमन के साथ ही किसान अपने फसल की बुवाई भी शुरू करते हैं. यह पक्षी एक तरह से किसानों के मित्र होते हैं. फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीट, पतंग को वह अपना भोजन बनाते हैं और इस तरह वह फसलों को नुकसान पहुंचने से रोकने में किसानों की मदद भी करते हैं. यह पक्षी पूरे मानसून के दौरान जब तक की फसल पककर तैयार ना हो जाए. तब तक पेड़ों पर निवास करते हैं. कोरबा में कनकी के साथ ही छत्तीसगढ़ के और भी कई इलाकों में इन पक्षियों के मौजूदगी है. जहां वह प्रजनन काल के लिए प्रवास पर आते हैं. स्थानीय भाषा में इन्हें घोंघिल पक्षी के नाम से भी जाना जाता है. जो लंबी और आकर्षक चोंच वाले होते हैं.

Monsoon Messenger Birds
कोरबा में प्रवासी पक्षी (ETV Bharat Chhattisgarh)

विदेश में पाई जाती है इनकी प्रजाति : भारत के साथ ही एशियन ओपन बिल स्टॉर्क बर्ड दक्षिण पूर्व एशिया सहित चीन, ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया, वियतनाम थाईलैंड, इंडोनेशिया, म्यांमारजेड मलेशिया सिंगापुर और साइबेरिया जैसे देशों में पाए जाते हैं. दुनिया के कई देशों में इनकी मौजूदगी है. सामान्य पक्षियों की तुलना में इनका आकार काफी बड़ा होता है. लंबी चोंच के कारण यह काफी खूबसूत दिखते हैं.

हर साल पक्षी आते हैं कनकी : कोरबा वन मंडल के डीएफओ अरविंद पीएम ने बताया कि एशियन ओपन बिल स्टॉर्क बर्ड अपने प्रजनन के लिए हर साल कनकी में आते हैं. यहां उन्हें उपयुक्त वातावरण मिलता है. जिसके कारण वह कनकी में पेड़ पर अपना आशियाना बनाते हैं. काफी मात्रा में वो यहां पहुंचते हैं, वह जून के अंत में यहां जाते हैं और नवंबर, दिसंबर तक यहां रहते हैं. वन विभाग का प्रयास है कि उन्हें उपयुक्त वातावरण दिया जाए और लोगों में भी जागरूकता फैला रहे हैं. ताकि वह पक्षियों को किसी तरह का नुकसान ना पहुंचायें. वॉल पेंटिंग के माध्यम से भी जागरूकता फैलाई जा रही है.

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