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धमतरी के गंगरेल बांध में लगातार एशियन ओपन बिलस्टॉर्क पक्षियों की हो रही मौत, वजह आपको भी कर देगी हैरान - Gangrel Dam of Dhamtari - GANGREL DAM OF DHAMTARI

धमतरी के गंगरेल बांध में लगातार एशियन ओपन बिलस्टॉर्क पक्षियों की मौत हो रही है. मामले में धमतरी वन मंडल ने मौत के कारणों की जांच की बात कही है. वहीं, कलेक्टर ने भी जो भी निर्देश बायो डाइवर्सिटी से मिले हैं, उनका पालन करने का आश्वासन दिया है.

Asian Open Bill Stork birds Dead
एशियन ओपन बिलस्टॉर्क पक्षियों की मौत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 23, 2024, 5:51 PM IST

गंगरेल बांध में एशियन ओपन बिलस्टॉर्क पक्षियों की मौत (ETV Bharat)

धमतरी: जिले के गंगरेल बांध क्षेत्र में लगातार एशियन ओपन बिलस्टॉर्क पक्षियों की मौत हो रही है. पक्षी प्रेमियों ने इस मामले में छत्तीसगढ़ स्टेट बायो डाइवर्सिटी बोर्ड से शिकायत की थी. इसके बाद बोर्ड ने सख्त कदम उठाया है. बोर्ड ने गंगरेल बांध में संचालित 700 केज फिशिंग यूनिट को तत्काल बन्द करवाने का निर्देश जारी कर दिया है. बोर्ड ने धमतरी डीएफओ को पत्र लिख कर ये निर्देश जारी किया है.

मौत के कारण की होगी जांच: धमतरी के पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि केज फिशिंग करने वाले जो दाना और केमिकल मछलियों के लिए डालते है. उसके कारण मछली और घोंघियों में संक्रमण फैल रहा है. इन्हीं संक्रमित मछलियों को खाने के बाद बिल स्टार्क पक्षियों की मौत हो रही है. इस मामले में धमतरी वन मंडल का कहना है, "मौत के कारणों की अलग से जांच की जा रही है." वहीं, धमतरी कलेक्टर का कहना है, "जो भी निर्देश बायो डाइवर्सिटी से मिले हैं, उनका पालन किया जाएगा."

क्या है एशियन ओपन बिल स्टार्क पक्षी: जानकरों की मानें तो ये पक्षी प्रावासी हैं. इनका आगमन जून माह के प्रथम सप्ताह में ही हो चुका है. यह पक्षी हर साल हजारों की संख्या में वर्षा ऋतु के आते ही दूसरे जगह से माइग्रेट कर पीपल, नीम व आम के वृक्षों पर अपना घोसला बनाते हैं. अभी इनकी संख्या कम है, लेकिन बारिश होने के साथ-साथ इनकी संख्या बढ़ती जाती है. इन पक्षियों का आना अच्छी बारिश का संकेत माना जाता है. लंबी चोंच और टांगे वाली ये पक्षी एक स्थान से दूसरे स्थान या एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में भोजन, आवास, प्रजनन के लिए प्रवास करते हैं, इसलिए इसे प्रावासी पक्षी कहते हैं.

इन पक्षियों की होती है दो प्रजातियां: बताया जा रहा है कि ये पक्षी मांसाहारी होते हैं. इनके पंख काले और सफेद रंग के होते हैं, जो प्रजनन के समय अधिक चमकीले हो जाते हैं. यह खेतों और छोटे उथले तालाबों में घोंघा, मछली, मेंढक और अन्य छोटे जलीय कीटों को खाते हैं. यह पक्षी पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं. इसके अलावा थाईलैंड़, चीन, यूरोप और रूस आदि देशों में भी पाई जाती है. इनके मुख्यतः दो प्रजतियां होती है. एशियन ओपन बिल स्टार्क और ऑफ्रीकन ओपन बिल स्टार्क. एशियन ओपन बिल स्टार्क के उपरी और निचली चोंच के बीच खाली जगह होने के कारण ही इसे ओपन बिल स्टार्क कहते हैं. ऑफ्रीकन ओपन बिल स्टार्क के उपरी चोंच में फ्रिजल अर्थात लहरदार संरचना होती है जिसे लैमिली कहते हैं.

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क्या है एशियन ओपन बिल स्टार्क पक्षी: जानकरों की मानें तो ये पक्षी प्रावासी हैं. इनका आगमन जून माह के प्रथम सप्ताह में ही हो चुका है. यह पक्षी हर साल हजारों की संख्या में वर्षा ऋतु के आते ही दूसरे जगह से माइग्रेट कर पीपल, नीम व आम के वृक्षों पर अपना घोसला बनाते हैं. अभी इनकी संख्या कम है, लेकिन बारिश होने के साथ-साथ इनकी संख्या बढ़ती जाती है. इन पक्षियों का आना अच्छी बारिश का संकेत माना जाता है. लंबी चोंच और टांगे वाली ये पक्षी एक स्थान से दूसरे स्थान या एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में भोजन, आवास, प्रजनन के लिए प्रवास करते हैं, इसलिए इसे प्रावासी पक्षी कहते हैं.

इन पक्षियों की होती है दो प्रजातियां: बताया जा रहा है कि ये पक्षी मांसाहारी होते हैं. इनके पंख काले और सफेद रंग के होते हैं, जो प्रजनन के समय अधिक चमकीले हो जाते हैं. यह खेतों और छोटे उथले तालाबों में घोंघा, मछली, मेंढक और अन्य छोटे जलीय कीटों को खाते हैं. यह पक्षी पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं. इसके अलावा थाईलैंड़, चीन, यूरोप और रूस आदि देशों में भी पाई जाती है. इनके मुख्यतः दो प्रजतियां होती है. एशियन ओपन बिल स्टार्क और ऑफ्रीकन ओपन बिल स्टार्क. एशियन ओपन बिल स्टार्क के उपरी और निचली चोंच के बीच खाली जगह होने के कारण ही इसे ओपन बिल स्टार्क कहते हैं. ऑफ्रीकन ओपन बिल स्टार्क के उपरी चोंच में फ्रिजल अर्थात लहरदार संरचना होती है जिसे लैमिली कहते हैं.

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