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बृहस्पति कुंड के हजारों साल पुराने शैल चित्रों का खुलेगा राज, ASI ने शुरू किया सर्वे - ASI surveyed brahspati kund

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 8, 2024, 3:59 PM IST

Updated : Jul 8, 2024, 4:14 PM IST

पन्ना जिले से 30 किलोमीटर दूर बृजपुर गांव के पास स्थित है रहस्यमयी बृहस्पति कुंड. यहां की चट्टानों पर भारत सरकार की पुरातत्व टीम द्वारा सोमवार को सर्वे शुरू किया गया है. यहां आदिमानव द्वारा हजारों वर्षो पहले बनाए गए शैल चित्र आज भी अंकित हैं, जो गहरे लाल रंग से बनाए हुए हैं.

ASI surveyed brahspati kund
बृहस्पति कुंड के हजारों साल पुराने शैल चित्रों का खुलेगा राज (Etv Bharat)

पन्ना. भारत सरकार के पुरातत्वविद डॉ. शिवाकांत बाजपेई के नेतृत्व में टीम बृहस्पति कुंड पहुंची. टीम ने बृहस्पति कुंड और वहां की गुफाओं पर बने प्राचीन शैल चित्रों का अवलोकन किया, जिसमें जानवर, मनुष्य, जीव जंतु, वन प्राणी के सुंदर लाल रंगों से बने रोचक चित्रों की जानकारी जुटाई गई. यहां हजारों वर्षों से समय की मार खाते हुए आज भी ये रहस्यमयी चित्र मौजूद हैं. भारत सरकार के पुरातत्वविद अधीक्षण डॉ. शिवाकांत बाजपेई ने बताया कि यहां पर अपार संभावनाएं हैं और समय के कई राज यहां खुलेंगे.

बृहस्पति कुंड में पुरातत्व विभाग का सर्वे (Etv Bharat)

टीम ने इस तरह किया सर्वे

भारत सरकार पुरातत्व विभाग से आई टीम ने बृहस्पति कुंड में बने शैल चित्रों के फोटोग्राफ खींचे और उनकी लंबाई व चौड़ाई भी मापी. यहां कुंड में बने रहस्यमयी शिवलिंग का भी टीम ने अवलोकन किया. कुंड की गुफाओं पर बनी पुराने पत्थर की चौखट की नक्काशी और नंदी भगवान की प्रतिमा का भी गहनता से पूरी टीम ने अवलोकन किया. टीम ने यहां का प्राचीन इतिहास देखते हुए एक बार पुन: फिर से सर्वे करने की बात कही, जिसमें कई रहस्य सामने आने की बात कही जा रही है.

ASI surveyed brahspati kund
कुंड का सर्वे करते पुरातत्वविद डॉ. शिवाकांत बाजपेई और उनकी टीम (ETV BHARAT)

क्या है बृहस्पति कुंड?

बृहस्पति कुंड का पौराणिक महत्व है. यहां पर प्राचीनकाल में ऋषि मुनियों के आश्रम हुआ करते थे. बताया जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम चित्रकूट से बृहस्पति कुंड ऋषि मुनियों के दर्शन करने आए थे और यहीं पर बृहस्पति कुंड जलप्रपात प्रकट होता है. बरसात के मौसम में 700 मीटर की ऊंचाई से यहां झरना बहता है, जो बेहद आकर्षक होता है. इसी बृहस्पति कुंड पर मध्य प्रदेश का पहला ग्लास ब्रिज भी बनने वाला है.

ASI surveyed brahspati kund
सर्वे करती पुरातत्व टीम (ETV BHARAT)

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बृहस्पति कुंड पर बनेगा मध्य प्रदेश का पहला 'ग्लास ब्रिज', करीब से जलप्रपात निहार सकेंगे टूरिस्ट

फिर शुरू होगा सर्वे
ASI surveyed brahspati kund
शिवलिंग का सर्वे करती पुरातत्व टीम (ETV BHARAT)

पुरातत्वविद अधीक्षण डॉ. शिवाकांत बाजपेई ने कहा, ''हमारी टीम द्वारा एक दिन का सर्वेक्षण कार्य किया गया. यहां पर प्राचीन ऐतिहासिक तत्वों को देखते हुए अपार संभावनाए हैं. यहां पर एक बार फिर से पुन: सर्वेक्षण कार्य विस्तार से किया जाएगा. इसके बाद में विस्तृत रूप में कुछ कह सकते हैं.'' गौरतलब है कि भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीक्षण डॉ. शिवाकांत बाजपेई के नेत्तृत्व में पुरातत्वविद इंजी. प्रशांत शिंदे, प्रशासक सुब्रत गोस्वामी के साथ अतिरिक्त पुरातत्वविद रितेश सिंह और फोटोग्राफर कमलेश कुमार वर्मा उपस्थित रहे.

पन्ना. भारत सरकार के पुरातत्वविद डॉ. शिवाकांत बाजपेई के नेतृत्व में टीम बृहस्पति कुंड पहुंची. टीम ने बृहस्पति कुंड और वहां की गुफाओं पर बने प्राचीन शैल चित्रों का अवलोकन किया, जिसमें जानवर, मनुष्य, जीव जंतु, वन प्राणी के सुंदर लाल रंगों से बने रोचक चित्रों की जानकारी जुटाई गई. यहां हजारों वर्षों से समय की मार खाते हुए आज भी ये रहस्यमयी चित्र मौजूद हैं. भारत सरकार के पुरातत्वविद अधीक्षण डॉ. शिवाकांत बाजपेई ने बताया कि यहां पर अपार संभावनाएं हैं और समय के कई राज यहां खुलेंगे.

बृहस्पति कुंड में पुरातत्व विभाग का सर्वे (Etv Bharat)

टीम ने इस तरह किया सर्वे

भारत सरकार पुरातत्व विभाग से आई टीम ने बृहस्पति कुंड में बने शैल चित्रों के फोटोग्राफ खींचे और उनकी लंबाई व चौड़ाई भी मापी. यहां कुंड में बने रहस्यमयी शिवलिंग का भी टीम ने अवलोकन किया. कुंड की गुफाओं पर बनी पुराने पत्थर की चौखट की नक्काशी और नंदी भगवान की प्रतिमा का भी गहनता से पूरी टीम ने अवलोकन किया. टीम ने यहां का प्राचीन इतिहास देखते हुए एक बार पुन: फिर से सर्वे करने की बात कही, जिसमें कई रहस्य सामने आने की बात कही जा रही है.

ASI surveyed brahspati kund
कुंड का सर्वे करते पुरातत्वविद डॉ. शिवाकांत बाजपेई और उनकी टीम (ETV BHARAT)

क्या है बृहस्पति कुंड?

बृहस्पति कुंड का पौराणिक महत्व है. यहां पर प्राचीनकाल में ऋषि मुनियों के आश्रम हुआ करते थे. बताया जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम चित्रकूट से बृहस्पति कुंड ऋषि मुनियों के दर्शन करने आए थे और यहीं पर बृहस्पति कुंड जलप्रपात प्रकट होता है. बरसात के मौसम में 700 मीटर की ऊंचाई से यहां झरना बहता है, जो बेहद आकर्षक होता है. इसी बृहस्पति कुंड पर मध्य प्रदेश का पहला ग्लास ब्रिज भी बनने वाला है.

ASI surveyed brahspati kund
सर्वे करती पुरातत्व टीम (ETV BHARAT)

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बृहस्पति कुंड पर बनेगा मध्य प्रदेश का पहला 'ग्लास ब्रिज', करीब से जलप्रपात निहार सकेंगे टूरिस्ट

फिर शुरू होगा सर्वे
ASI surveyed brahspati kund
शिवलिंग का सर्वे करती पुरातत्व टीम (ETV BHARAT)

पुरातत्वविद अधीक्षण डॉ. शिवाकांत बाजपेई ने कहा, ''हमारी टीम द्वारा एक दिन का सर्वेक्षण कार्य किया गया. यहां पर प्राचीन ऐतिहासिक तत्वों को देखते हुए अपार संभावनाए हैं. यहां पर एक बार फिर से पुन: सर्वेक्षण कार्य विस्तार से किया जाएगा. इसके बाद में विस्तृत रूप में कुछ कह सकते हैं.'' गौरतलब है कि भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीक्षण डॉ. शिवाकांत बाजपेई के नेत्तृत्व में पुरातत्वविद इंजी. प्रशांत शिंदे, प्रशासक सुब्रत गोस्वामी के साथ अतिरिक्त पुरातत्वविद रितेश सिंह और फोटोग्राफर कमलेश कुमार वर्मा उपस्थित रहे.

Last Updated : Jul 8, 2024, 4:14 PM IST
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