लखनऊ: रबी उल अव्वल की तैयारियों के सिलसिले में एक मीटिंग इस्लामिक सेन्टर ऑफ इण्डिया की अध्यक्षता में आयोजित हुई. इस मीटिंग में यह निर्णय लिया गया, कि हर साल की तरह इस साल भी पहली तारीख से 10 रबी उल अव्वल तक इस्लामिक सेन्टर ऑफ इण्डिया की निगरानी में ऑल इण्डिया सुन्नी बोर्ड शहर की विभिन्न मस्जिदों और मोहल्लों में "अशरा रहमत" का आयोजन करेगा. इसका मकसद यह है, कि नबी पाक सल्ल की सीरत से लोगों को अवगत कराया जाए और आप सल्ल के पैगाम-ए-रहमत को घर घर पहुंचाने की कोशिश की जाए.
मीटिंग को सम्बोधित करते हुए मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, कि 4 सितम्बर को चांद देखने का एहतिमाम किया जायेगा. पहली रबी उल अव्वल 5 या 6 सितम्बर 2024 को होगी. मीलादुन्नबी सल्ल 16 या 17 तारीख को होगी. उन्होने अवाम से अपील की कि 11 और 12 रबी उल अव्वल की रात में होने वाले जश्न रहमतुल लिल आलमीन के जलसों को आयोजित करें और उनमें बड़ी सख्या में शामिल हो.
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इस्लामिक सेन्टर ऑफ इण्डिया के सचिव मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी ने कहा, कि हर साल की तरह इस साल भी 12 रबी उल अव्वल को निकलने वाले जुलूस-ए-मदहे सहाबा का शानदार स्वागत ईदगाह लखनऊ में किया जायेगा. इस सिलसिले में तैयारियां अभी से शुरू कर दी गयी हैं. जुलूस के अंत पर ऐतिहासिक ईदगाह में एक अजीमुश्शन जलसा "जलसा सीरतुन्नबी सल्ल व सीरत सहाबा रजि का आयोजन होगा.
ऑल इण्डिया सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मो. मुश्ताक ने बताया, कि "अशरा रहमत के तहत दस दिनों तक विभिन्न मस्जिदों और मोहल्लों में ऑल इण्डिया सुन्नी बोर्ड और अन्य तन्जीमों की तरफ से गरीब में खाने के पैकेट और फल बांटे जायेगें.
मीटिंग में मौलाना सुफयान निजामिी, मौलाना हारून निजामी, मुफ्ती अतीकुर्रहमान, कारी कमर उद्दीन, कारी तनवीर आलम, मौलाना अब्दुल लतीफ और मौलाना अब्दुल मुगीस शरीक हुए.
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