अशोकनगर: लोकसभा चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने वायदे पर खरे उतरते नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में सिंधिया ने भू-माफियाओं को खत्म करने की बात खुले मंचों से कही थी. चुनाव जीतते ही उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए हैं. जिस पर प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. अशोकनगर में लंबे समय से भू माफियाओं के द्वारा जमीनों को खुर्द-बुर्द किया जा रहा था. भू-माफियाओं के द्वारा भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर जमीनों की गलत तरीके से खरीद फरोख्त की जा रही है. ऐसा ही मामला शुक्रवार को देखने को मिला.
भू-माफिया ने शासकीय भूमि पर किया था कब्जा
गुना रोड पर बरखेड़ी के पास प्रशासन की टीमों ने पहुंचकर लगभग 5 करोड़ रुपए की जमीन को मुक्त कराया है. इस दौरान शासकीय भूमि का निरीक्षण ऊंचा प्रशासनिक टीम ने किया. यहां शासकीय भूमि पर कब्जा देखने के बाद जेसीबी चलवाकर जमीन को मुक्त कराया गया. वहीं जिन लोगों के मकान बने हुए थे उन्हें कुछ दिन का समय दिया गया है. इस दौरान जिन लोगों ने विक्रेता से मकान और प्लॉट खरीदे हैं, उनके साथ विक्रेता द्वारा धोखाधड़ी करने की बात सामने आई. दरअसल, विक्रेता ने निजी सर्वे नंबर से रजिस्ट्री कर लोगों को शासकीय भूमि में कब्जा दे दिया है.
एसडीएम के सामने ही क्रेता-विक्रेता आपस में भिड़े
इस दौरान प्रशासन की टीम को मौके पर देख पीड़ितों को अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में पता चला. इसके बाद क्रेता और विक्रेता दोनों ही मौके पर पहुंच गए, जहां विक्रेता दीपेश जैन को लोगों के द्वारा जमकर फटकार लगाई. साथ ही लोगों ने बेचे गए प्लॉट की पूरी राशि वापस करने की बात कही. इस दौरान लगभग 1 घंटे तक क्रेता और विक्रेता के बीच जमकर बहस हुई. इस कार्रवाई के दौरान एसडीएम अनिल बनवारिया मौजूद रहे.
अवैध कब्जों पर की गई कार्रवाई
एसडीएम अनिल बनवारिया ने बताया कि ''सर्वे नंबर 226 में अर्द्ध शासकीय वर्धमान स्कूल को जो भूमि आवंटित की गई है, उस पर लक्ष्मी ढाबा संचालक ने करीब 15 फीट कब्जा कर लिया है. जिसको हमारे द्वारा हटाया गया है. जब अंदर अन्य शासकीय भूमि में टीम पहुंची तो एक रिटायर्ड बैंक मैनेजर के द्वारा लगभग 5000 स्क्वायर फीट शासकीय भूमि पर कब्जा पाया गया, जिन्होंने किसी से यह जमीन खरीदी थी. जिसमें सर्वे नंबर दूसरा था और उन्हें शासकीय भूमि में कब्जा दिया गया है. उनके भूखंड को तोड़ने की कार्रवाई की गई है.''
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जमीन विक्रेता ने लोगों के साथ की धोखाधड़ी
एसडीएम ने आगे बताया कि ''उसी के साथ-साथ शासकीय भूमि पर ही एक वकील का मकान भी बना पाया गया. जिसके बाद अन्य लोगों ने मौके पर पहुंचकर हमसे समय मांगा है, जिस पर विचार किया जा रहा है. उनका कहना है कि हमने रजिस्टर्ड विक्रेता से प्लॉट खरीदा है, हमारे द्वारा उनको सलाह दी गई है कि इस मामले को लेकर थाने में 420 के प्रकरण के लिए कार्रवाई भी करानी चाहिए, क्योंकि विक्रेता ने आपको साथ धोखाधड़ी की है. हम भी इस मामले को लेकर थाने में पत्र भेज रहे हैं. प्लॉट मालिकों की जिम्मेदारी भी है कि अगर उनके साथ फ्रॉड हुआ है तो आगे बढ़कर कानूनी कार्रवाई करें.''