पटनाः बिहार राज्य आशा ममता कार्यकर्ता संघ की ओर से अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल की गई. सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाकर आंदोलन की शुरुआत कर दी गई है. आगामी 20 फरवरी को विधानसभा घेराव करने का एलान किया है.
पटना में आशा का प्रदर्शनः आशा का कहना है कि जब महागठबंधन की सरकार थी तब स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने सभी आशा कार्यकर्ताओं को मानदेय बढ़ाने और सरकारी सेवक घोषित करने का आश्वासन दिया था. 36 दिनों की हड़ताल के बाद सरकार ने इन सबों की बात मान ली थी. लेकिन फिर से एनडीए की सरकार बनने के बाद अभी तक मांगें ठंडे बस्ते में पड़ी है. इसी को देखते हुए एक बार फिर से सभी आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों को पूरा होते ना देख आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है.
सरकारी सेवक घोषित करने की मांगः मसौढी प्राथमिक अस्पताल, धनरूआ अस्पताल और पुनपुन अस्पताल समेत सभी जगहों पर आशा कार्यकर्ताओं ने सभी कामकाज को ठप करते हुए हड़ताल पर बैठ गई हैं. एमडीएम बनाने वाली रसोइया भी अपनी मानदेय बढ़ाने के लिए सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है. राज्यभर के सभी आशा मानदेय बढ़ाने के लिए और सरकारी सेवक घोषित करने के लिए विरोध विरोध प्रदर्शन कर रही है.
"महागठबंधन की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने हमसब को आश्वासन दिया था कि आप सबों की सभी मांगे पूरी की जाएगी. मानदेय बढ़ाने और सरकारी सेवक घोषित करने की मांग सम्मिलित थी. एनडीए सरकार में हम सभी की मांग पूरी होती नहीं दिख रही है. 20 फरवरी को विधानसभा का गिराव करेंगे." -यशोदा देवी, जिलाध्यक्ष, आशा फैसिलिटेटर संघ
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