नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आरोप है कि उनसे कहा गया है कि अगर वह भाजपा में शामिल हो जाएंगे तो उनके खिलाफ कोई जांच नहीं होगी. वहीं केजरीवाल के इस बयान पर दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल का बयान झूठ का एक नया पुलिंदा है.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरह मंत्री अतिशी ने अपनी पत्रकार वार्ता के प्रारम्भ में उस नाम को बताने का झूठा दावा किया, जिसने भाजपा की ओर से "आप" विधायकों को दलबदल के लिए सम्पर्क किया था. पर पूरी पत्रकार वार्ता में किसी "वो" का दस बार जिक्र कर बिना नाम बताए ही उठ कर चली गईं. यह साफ दर्शाता है कि वह सफेद झूठ बोल रहीं थीं.
ये भी पढ़ें: केजरीवाल की ओर से समन को लगातार नजरअंदाज करने को लेकर कोर्ट पहुंची ईडी, 7 को होगी सुनवाई
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं मंत्री आतिशी को चुनौती दी है कि वह दिल्ली वालों को बताएं कि भाजपा की ओर किस नेता ने उन्हें भाजपा मे शामिल होने का प्रस्ताव दिया था या फिर इस्तीफा दें. वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि सीएम केजरीवाल ने गत 27 जनवरी को भाजपा पर ऑपरेशन लोटस 2 चला कर आम आदमी पार्टी के विधायक तोड़ने का झूठा आरोप लगाया और अब तीन दिन से पुलिस जांच से बचते घूम रहे हैं. आज फिर बेबुनियाद आरोप लगाया कि उन्हें भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव मिला है, जो पूरी तरह भ्रामक है. खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से जनता का ध्यान हटाने का प्रमाण है.
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि कहावतें एवं मुहावरे किन्ही कारणों से बनते हैं. जिस तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री झूठ बोलते हैं या यूँ कहें कि झूठ गढ़ते हैं, वह दर्शाता है की एक पुरानी कहावत कि 'जब तक सच अपने जूते पहनता है, झूठ दुनिया का चक्कर लगा आता है.' खास उन्ही के जैसे चरित्र के व्यक्ति के वर्णन के लिए बनाई गई होगी. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आम आदमी पार्टी अब एक बिखरता कुनबा है जो लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 में से 5 सीटें देकर भी कांग्रेस से गठबंधन करने को तैयार है. हिम्मत है तो केजरीवाल मेरे इस कथन को नकारें.
25 करोड़ किसने लिया, किसने दिया केजरीवाल को बताना चाहिए: रमेश बिधूड़ी
दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके वर्ष 2012-13 के बयानों को याद कीजिए. जब केजरीवाल कहते थे कि किसी के ऊपर आरोप लगे तो उसकी जांच होनी चाहिए. कहते थे शीला दीक्षित के खिलाफ बहुत सारे सबूत हैं. घोटाले को उजागर करते थे. कांग्रेस और कांग्रेस के नेताओं को भ्रष्टाचारी बताते थे. कांग्रेस की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को कहते थे उनके खिलाफ सबूत हैं. इनको जेल भेजूँगा. शीला जी को जेल तो भेज नहीं पाए शीला जी की पार्टी की गोद में बैठ गए. जबकि बच्चों की कसम खाई थी कि कांग्रेस के साथ नहीं जाऊंगा. जब जांच हो रही है तो अरविंद केजरीवाल को उसमें सहयोग करना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया है कि विधायकों को खरीदा गया, खरीदने का प्रयास किया गया तो यह सामने आ जाएगा. 25 करोड़ किसने लिया, किसने दिया केजरीवाल को बताना चाहिए. वह बताएं कि कौन खरीदने गया था, किस विधायक को खरीदा जा रहा था.
ये भी पढ़ें: आप विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में आतिशी के घर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम