नई दिल्ली: जमानत पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ले लिया है. बता दें कि केजरीवाल को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी, लेकिन ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी. ईडी की ओर से दी गईं दलीलों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत के आदेश को रोक दिया.
Abhishek Singhvi says Delhi High Court passed its order yesterday ordering stay on trial court’s bail order and he seeks to withdraw the plea before apex court against High Court’s June 21 interim order and will file fresh petition challenging the order June 25 order.
— ANI (@ANI) June 26, 2024
इस वजह से वापस ली याचिका
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ को केजरीवाल के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि चूंकि उच्च न्यायालय ने 25 जून को पूरा आदेश दिया, इसलिए वह इस मामले में ठोस अपील दायर करना चाहते हैं.
सिंघवी ने पीठ को यह भी बताया कि मामले में हर दिन नए पहलू सामने आ रहे हैं. अब केजरीवाल को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने कहा, 'हम सभी जानकारी को रिकॉर्ड में लाने के लिए एक महत्वपूर्ण अपील दायर करना चाहते हैं और हाईकोर्ट के 25 जून के आदेश को चुनौती देना चाहते हैं, जिसमें जमानत आदेश पर रोक लगा दी गई है.'
यह है मामला
- हाईकोर्ट ने मंगलवार को केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी.
- आप नेता को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.
- निचली अदालत ने 20 जून को उन्हें नियमित जमानत दे दी थी.
- निचली अदालत ने जमानत के आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया केजरीवाल का दोष साबित नहीं हुआ है.
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट के 25 जून के आदेश को चुनौती देते हुए नई याचिका दाखिल करना चाहते हैं. उन्होंने वर्तमान याचिका को वापस लेने की इजाजत मांगी है. हम उन्हें ये इजाजत देते हैं.
बता दें कि हाईकोर्ट के स्टे लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस पर सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान सर्वोच्य न्यायलय ने कुछ अहम टिप्पणी की और मामले पर 26 जून को सुनवाई करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि ED की स्थगन याचिका पर आदेश सुरक्षित रखते हुए केजरीवाल की जमानत पर रोक लगाने का हाईकोर्ट का तरीका 'असामान्य' था. सामान्यतः स्थगन आदेश सुनवाई के तुरंत बाद 'तत्काल' पारित किए जाते हैं. सुरक्षित नहीं रखा जाता.