रुद्रप्रयाग: चारों धामों की यात्रा में जिला प्रशासन और पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. दोनों ही अपने दायित्वों का निर्वहन सही से करें तो कठिन से कठिन मुश्किलें भी आसान हो जाती हैं. इनदिनों देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है. यात्रा का संचालन सही तरीके से हो इसको लेकर पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है.
हर दिन हजारों की तादाद में तीर्थयात्री गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आ रहे हैं. इनमें से कुछ ऐसे यात्री हैं, जो बिना पंजीकरण और रजिस्ट्रेशन के पहुंच रहे हैं. ऐसे में इन तीर्थयात्रियों को रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में स्थित मठ-मंदिरों में भेजकर दर्शन करवाए जा रहे हैं, जिससे बदरी-केदार यात्रा मार्गों पर जाम की समस्या के साथ तीर्थयात्रियों को भूखा-प्यासा न भटकना पड़े. इसके साथ ही इन मठ-मंदिरों की पहचान से भी रूबरू कराया जा सके.
केदारनाथ धाम की यात्रा में भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है. यात्रियों की बढ़ती भीड़ के कारण जिला प्रशासन के साथ ही पुलिस को भी व्यवस्थाओं को संभालने में दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन की टीम ने पुलिस के चेक पोस्ट एवं बैरियर पर जाकर तीर्थयात्रियों को जाम की समस्या के साथ ही उनकी समस्या का समाधान करना शुरू कर दिया है.
जिला प्रशासन की टीमें चेक पोस्ट व बैरियरों पर तैनात हैं. यात्रा मार्ग पर लग रहे जाम की समस्या होने पर तुरंत काम कर रही है, जबकि चेक पोस्ट एवं बैरियरों पर लंबी लाइन लगने पर बिना पंजीकरण व रजिस्ट्रेशन के आए श्रद्धालुओं को रुद्रप्रयाग जिले के अन्य धार्मिक स्थलों की ओर जाने का आग्रह किया जा रहा है. ताकि देश-विदेश के यहां पहुंच रहे इन श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम के अलावा भी यहां स्थित धार्मिक स्थलों का पता चल सके. इससे तीर्थाटन बढ़ाने में भी मदद मिल रही है. इसके साथ ही बदरी-केदार यात्रा मार्ग पर जाम की समस्या से भी निजात मिल सके.
अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने भी यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने पुलिस जवानों के साथ मिलकर ट्रैफिक कंट्रोल करने का कार्य भी किया. इसके साथ ही उन्होंने यात्रियों से निवेदन किया कि चारधाम की यात्रा पर निकलने से पहले वाहन का पंजीकरण व अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें. अगर कोई श्रद्धालु यहां पहुंच गया है तो वो बदरी-केदार का रजिस्ट्रेशन होने तक अन्य मठ-मंदिरों के दर्शन करें, जिससे वहां के धार्मिक महत्व से भी तीर्थयात्री रूबरू हो सकें.
बता दें कि, केदारनाथ के साथ ही कुछ अन्य मठ-मंदिरों का भी खास महत्व है जिनमें- मदमहेश्वर, तुंगनाथ, विश्वनाथ, अगस्त्य ऋषि, कोटेश्वर, कार्तिक स्वामी, हरियाली देवी, कालीमठ, कालीशिला, रूच्छ महादेव व त्रियुगीनारायण धाम आते हैं. श्रद्धालुओं को इन धामों की ओर जाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.
यात्रा मार्ग के 2 किमी दायरे में सफाई कर्मी तैनात: अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा ने बताया कि केदारनाथ धाम में 12 से 15 हजार श्रद्धालुओं के लिए रहने और खाने की व्यवस्था है. भक्तों के लिए भंडारा भी लगाया जा रहा है, जिससे गरीब व साधु-संतों को सुविधा हो रही है. इसके साथ ही पैदल मार्ग पर भी यात्रियों की सुविधा के लिए खाने-रहने की व्यवस्था की गई है. हालांकि, अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के धाम पहुंचने से थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिनको दूर करने के लिए जिला प्रशासन की टीमें कार्य में लगी हुई हैं.
यात्रा मार्गों पर सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था पर हर दिन निगरानी रखे हुए हैं. सफाई नायक यात्रा मार्गों में जुटे हैं मार्ग पर गंदगी होने पर तुरंत सफाई कर रहे हैं. जगह-जगह सफाई नायकों की तैनाती से यात्रा मार्ग साफ सुथरा नजर आ रहा है. यात्रा मार्ग के दो किमी के दायरे में सफाई कर्मी तैनात हैं.
चप्पे-चप्पे पर जिला प्रशासन की टीमें तैनात: केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या जिस तरह आए दिन बढ़ती जा रही है, उससे लगता है कि पिछले वर्षों के सभी रिकार्ड ध्वस्त हो जाएंगे. तीर्थयात्री राजमार्ग से लेकर लिंक मार्गों का सहारा लेकर बाबा के धाम पहुंच रहे हैं. अब तक यात्रियों का आंकड़ा ढाई लाख के पार हो चुका है.
डीएम सौरभ गहरवार ने बताया कि जिला प्रशासन की टीमें केदारनाथ यात्रा मार्ग के चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं. इस बार विभिन्न जगहों पर एक दर्जन नई पार्किंग निर्माण से यात्रियों को फायदा मिला है, जबकि शौचालय, पेयजल की भी समुचित व्यवस्था है. जाम की समस्या से निजात दिलाने को लेकर जिला प्रशासन की टीम पुलिस जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है. सभी यात्री अच्छा संदेश लेकर केदारनाथ से जा रहे हैं.
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