लखनऊ : आधुनिक युग में तकनीक का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का भरपूर प्रयोग होने लगा है. अब भारतीय सेना भी एआई तकनीक से अछूती नहीं रह गई है. पहली बार लखनऊ के मध्य कमान स्थित गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर पर 15 जनवरी को हुई सेना परेड में भी एआई तकनीक का इस्तेमाल विजेता टीम के चयन के लिए किया गया. परेड की कैमरों से निगरानी की गई. दर्जन भर से ज्यादा कैमरे लगाए गए और अब एआई तकनीक से सेना ने विजेता टीम का चयन कर लिया है. सेना में एआई तकनीक का इस्तेमाल परेड के विजेता के चुनाव के लिए पहली बार किया गया है.
बंगाल इंजीनियर रनर अप : सेना दिवस पर आयोजित हुई परेड में छह मार्चिंग टुकड़ियां शामिल हुई थीं. 50 पैरा ब्रिगेड, सिख लाइट रेजिमेंटल सेंटर जाट रेजिमेंटल सेंटर, गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर, बंगाल इंजीनियर ग्रुप सेंटर और आर्मी एयर डिफेंस केंद्र से यह टुकड़ियां थीं. भारतीय सेना के तकरीबन 500 जवान इस सेना दिवस पर भव्य परेड का हिस्सा बने थे. इनमें सबसे बेहतर परेड करने वाली गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर को विजेता घोषित किया गया, जबकि बंगाल इंजीनियर उपविजेता रही.
सैन्य ब्रास बैंड भी हुआ शामिल : 15 जनवरी को लखनऊ छावनी स्थित 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर में सेना दिवस परेड आयोजित की गई थी. इसके अलावा राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर जवानों को सम्मानित करने के लिए लखनऊ में स्मृतिका युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह का भी आयोजन हुआ था. परेड में कुल छह मार्चिंग टुकड़ियां और एक सैन्य बैंड भी शामिल हुआ. इनमें विभिन्न रेजिमेंटल केंद्रों से छह रेजीमेंट ब्रास बैंड और चार पाइप बैंड शामिल थे. परेड में पूर्व सैनिक, एनसीसी कैडेट, स्कूली बच्चे, सेवारत सैनिक और उनके परिवार भी शामिल हुए थे. मध्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि सेना दिवस पर आयोजित सेना परेड में पहली बार एआई तकनीक का इस्तेमाल किया गया था. ग्राउंड पर दर्जनों कैमरे परेड को कवर करने के लिए लगाए गए थे. बेहतर प्रदर्शन करने वाली टीम को चुनना था. अब गढ़वाल राइफल्स को विजेता घोषित किया गया है.
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