उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा इलाके में आदमखोर पैंथर को पकड़ने के लिए लगातार सर्च अभियान चल रहा है. आर्मी, वन विभाग और पुलिसकर्मी लगातार जंगल का चप्पा-चप्पा छान मार रहे, लेकिन अभी तक पैंथर का कोई बड़ा सुराग नहीं मिला है. पिछले 13 दिनों में आदमखोर पैंथर ने 7 लोगों को अपना शिकार बनाया है. पैंथर के बढ़ते हमलों के बाद मंगलवार को इसे शूट करने के आदेश भी जारी किए गए हैं. बुधवार रात भर सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी.
ग्रामीणों ने भी संभाला मोर्चा : सीनियर वन अधिकारी अजय चित्तौड़ा ने बताया कि 24 घंटे में हुई दोनों घटनाएं एक जैसी हैं. उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि लगातार सावधानी बरतें. पुलिस-प्रशासन, वन कर्मी और आर्मी के जवान लगातार पैंथर की तलाश में जुटे हुए हैं. 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी और 80 से ज्यादा वनकर्मी तैनात किए गए हैं. इसके अलावा अलग-अलग जिलों की टीमें भी जंगल में पैंथर को ढूंढ रही हैं. ग्रामीणों ने भी अब मोर्चा संभाल रखा है. अपने हाथों में लठ और अन्य हथियार लेकर घूम रहे हैं.
13 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं लगा सुराग : आदमखोर पैंथर को पकड़ने के लिए वन विभाग की अलग-अलग टीमें गठित कर रात भर सर्च ऑपरेशन चलाया गया. आर्मी के जवानों ने ड्रोन कैमरे से रात भर निगरानी रखी. इतना ही नहीं वन विभाग के लगे पिजरों में पुलिस जवानों को बैठाया गया. लगातार पैंथर के आतंक के कारण गांव में भय और डर का माहौल है. क्षेत्र के ग्रामीण भी हथियार लेकर प्रशासन का पूरा सहयोग कर रहे हैं. DFO अजय चित्तौड़ा, SDM डॉ. नरेश सोनी, तहसीलदार ओम सिंह लखावत, SHO शैतान सिंह नाथावत मौके पर मौजूद हैं. वहीं, रणथम्भौर, जोधपुर और उदयपुर से आए शूटर भी पैंथर को जंगल में ढूंढ रहे हैं.
7 मौत के बाद भी आतंक : इस गांव से सटे हुए गांव में मंदिर के बाहर सो रहे पुजारी को भी आदमखोर पैंथर उठा ले गया था. गोगुंदा इलाके में लगातार 13 दिनों में यह पैंथर के अटैक की 9वीं घटना है, जिसमें 7 लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, वन विभाग की ओर से पूरे इलाके में 15 से ज्यादा लगाए गए पिंजरे अब तक खाली हैं. आदमखोर हो चुका शातिर पैंथर अब तक पिंजरे के आसपास भी नहीं पहुंच रहा है. हालांकि, मंगलवार देर शाम को उसी गांव के समीप सड़क पर जा रहे बाइक सवार पर पैंथर ने हमले की कोशिश की, मगर बाइक सवार ने लाठी भांज कर उसे भगा दिया.
बताया जा रहा है कि गांव के पास ही एक गुफा के नजदीक ये पैंथर बैठा हुआ था, जहां से उसका मूवमेंट सुबह आबादी बस्ती की तरफ हुआ. इसी दौरान उसने आज एक महिला को अपना निवाला बनाया. पैंथर के दहशत के बीच गांव के हर व्यक्ति के हाथ में लाठी और कुछ लोगों के हाथ में हथियार भी देखा जा सकता है. वहीं, वन विभाग भी लगातार 12 टीमों के साथ पैंथर को ट्रैक करने की कोशिश करने की बात कह रहा है.
इन गांव में भय माहौल : आपको बता दें कि गोगुंदा क्षेत्र के छाली, माजावड और बाघदडा गांव में हुए हमले के बाद वन विभाग ने एक दर्जन पिंजरे लगाए थे, जिसमें 4 पैंथर पकड़े जा चुके हैं. पकड़े गए सभी पैंथर्स के दांत टूटे हुए थे, ऐसे में वन विभाग को उम्मीद थी कि पकड़े गए पैंथर ही आदमखोर हैं, लेकिन पिछले 2 दिनों में वापस हुए हमलों के बाद माना जा रहा है कि आदमखोर पैंथर अभी भी वन विभाग की पकड़ से काफी दूर है. वहीं, गोगुंदा के आधा दर्जन गांवों में वन विभाग के बड़े अफसरों समेत 100 से ज्यादा कर्मचारियों और पुलिस के जवान तैनात हैं. इस पैंथर को पकड़ने के लिए उदयपुर के अलावा राजसमंद जोधपुर, देसूरी और रणथम्भौर की रेस्क्यू टीम भी मौके पर तैनात है.