रांची: पूर्व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि जनता के साथ सरकार धोखा किया है. युवा आक्रोश रैली में आये अर्जुन मुंडा ने ईटीवी भारत संवाददाता भुवन किशोर झा के साथ खास बातचीत में कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है. इस राज्य के तमाम जनता चाहे वह युवा हों, चाहे महिला हों, चाहे आदिवासी हों, चाहे दलित हों, चाहे सामान्य लोग सबको सरकार ने ठगने का काम किया है.
उन्होंने कहा कि यह सरकार हमेशा राज्य के विकास की बातों को, राज्य की प्राथमिकताओं को और राज्य की जनता की आवश्यकता को दरकिनार करते हुए ऐसे बयान देकर के जिस बयान से जनता का ध्यान विकास से, रोजगार से और अधिकारों से हट जाए और वो इस तरीके से लोगों को झांसे में रखे ताकि वो राजनीति करे और उसके विकास के जो दायित्व और जिम्मेदारी है वो जिम्मेदारी को पूरा करने में विफल रही.
आज जेपीएससी के परीक्षार्थी धरने पर बैठ जाते हैं, आज जितने भी काम करने वाले सरकार के अंग हैं वो लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं धरना दे रहे हैं उन पर लाठियां बरसाई जा रही है. पिछले दिनों कई इस तरह की घटनाएं घटी, आखिर इस तरह की घटनाओं के पीछे क्या कारण है क्योंकि सरकार राज्य में काम नहीं कर रही है.
चुनावी मुद्दा नहीं राज्य की जनता के भविष्य का मुद्दा है
अर्जुन मुंडा ने युवाओं की समस्या को चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि राज्य की जनता के भविष्य का मुद्दा बताते हुए कहा है कि यह राज्य इसी सपने के साथ बना था कि यहां के लोगों को अधिकार मिले और यहां के भविष्य को हर नागरिकों के माध्यम से समग्र विकास की दृष्टि से सभी जनता को आगे लेकर के चलना है, पर राज्य सरकार इन सारे मामलों पर विफल है.
इस पर सरकार का कोई ध्यान ही नहीं है. अब बहुत सारी बातें कर रहे हैं कि भारत सरकार ऐसा कर रही हो वैसा कर रही है. मगर ये क्यों नहीं बताते है कि 33 करोड़ एक मंत्री के पीए और ऐसे गुर्गों के पास में मिल रहा है तो उस पर मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं. उन्हें बताना चाहिए आखिर पीए के घर से इतना पैसा मिल रहा है तो जनता को जानने का अधिकार है कि नहीं यह पैसा किसका है.
निजी क्षेत्र में 75% स्थानीय को नौकरी महज दिखावा
अर्जुन मुंडा ने हेमंत सरकार के द्वारा निजी क्षेत्र में 75% स्थानीय युवाओं को नौकरी देने की बात को ठुकराते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री बताएं कि इस योजना से कितने लोगों को रोजगार मिला है. सिर्फ घोषणा कर देने से नहीं होता. उन्होंने कहा कि पता है कितने जगह में इंप्लीमेंट हुआ है कितने लोगों को रोजगार मिला है यह बयानों पर रोजगार दे रहे हैं उनके जो पदाधिकारी हैं वह सूची जारी करें.
इस नीति के तहत कितने लोगों को रोजगार मिला, इस नीति के तहत जो रोजगार मिला है वह जनता के सामने लेकर आना चाहिए ना कि सिर्फ घोषणा करने मात्र से यह समस्या का समाधान हो जाता है. आज जेपीएससी परीक्षार्थी धरना पर बैठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि मेरिट को कंप्रोमाइज करने के लिए रिजल्ट नहीं निकाला जा रहा है. क्या बात है यह तो सरकार को स्पष्ट करना चाहिए.
चंपाई सोरेन को दूध की मक्खी तरह हेमंत सोरेन ने निकाला
अर्जुन मुंडा ने चंपाई सोरेन की नाराजगी को सही बताते हुए कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से दूध की मक्खी तरह से हटाया गया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को इसे बताना चाहिए कि आदिवासियों की तो बात करते हैं लेकिन आदिवासी को आप झेल नहीं पाते हो, आदिवासी मुख्यमंत्री को आपने हटा दिया. राजनीति में उनसे सीनियर है. काफी चीजें जुड़ी हुई हैं उसके साथ मगर कोई महत्व है क्या, अभी हमने बयान देखा बयान में बातें सामने आई जिसमें उन्होंने कहा कि हमने तो शिबू सोरेन जी के साथ काम किया अब यह हम साझा किससे करें कि किस तरीके से यहां पर हो रहा है.
बहुत बड़ी बात उन्होंने कही हैं, यह साधारण बात नहीं है. चंपाई सोरेन प्रकरण में बीजेपी के हाथ से इनकार करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि क्या बीजेपी से पूछकर मुख्यमंत्री बनाया था क्या? मुख्यमंत्री जब बनाया तब यह नहीं सोचा उन्होंने. मुख्यमंत्री से बेइज्जत करके चंपाई सोरेन को हटाया गया है.
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