नई दिल्लीः राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा के मामले में आरोप तय करने को लेकर आरोपी जगदीश टाइटलर की ओर से दलीलें पूरी कर ली गई. स्पेशल जज राकेश स्याल ने 30 मई को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया. सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए. जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी.
उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपी सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया. मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था. इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है. इसके पहले शर्मा ने जगदीश टाइटलर को इस मामले से बरी करने की मांग की थी.
जगदीश टाइटलर की ओऱ से गुरपतवंत पन्नून का नाम लेते हुए कहा गया था कि चूंकि पन्नून गवाहों का वकील था और उसे भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा था, ऐसे में जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला चलाने का कोई मतलब नहीं है और उसे इस मामले में बरी किया जाना चाहिए. इस मामले में सीबीआई ने 16 अप्रैल को आरोप तय करने पर दलीलें पूरी कर ली थी.
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4 अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी. कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है. सीबीआई के मुताबिक, टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था. इसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था.
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