नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपी उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका पर कहा गया कि उसके खिलाफ हिंसा का कोई आरोप नहीं है. उसने जो भाषण दिया था वो गांधीवादी विचारों से प्रेरित था. उमर खालिद की ओर से शुक्रवार को दलीलें पूरी कर ली गई. जस्टिस नवीन चावला की वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदिप पेस ने कहा कि उसके खिलाफ हिंसा करने और फंड एकत्र करने का कोई आरोप नहीं है. याचिकाकर्ता लंबे समय से विचाराधीन कैदी के रूप में हिरासत में है. इस मामले के चार सह-आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, जिनके खिलाफ भी वही आरोप लगे हैं जो उमर खालिद के खिलाफ लगे हैं.
दिल्ली पुलिस पर कही थी ये बात: बता दें कि कड़कड़डूमा कोर्ट ने 28 मई को उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से त्रिदिप पेस ने कहा था कि दिल्ली पुलिस चार्जशीट में उमर खालिद के नाम का प्रयोग इस तरह से कर रही है जैसे कोई मंत्र हो. चार्जशीट में बार-बार नाम लेने और झूठ बोलने से कोई तथ्य सच साबित नहीं हो जाएगा. उमर खालिद के खिलाफ मीडिया ट्रायल भी चलाया गया. जमानत पर फैसला लेते समय कोर्ट को हर गवाह और दस्तावेज का परीक्षण करना होगा. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ये नहीं कहा जा सकता है कि जांच में कई गड़बड़ियां हैं. ये आरोप मुक्त करने की याचिका नहीं है.
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