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Delhi: प्रदूषण से दिल्ली की 'हवा खराब', 9 महीने में अब तक सबसे खराब स्थिति

दिल्ली पॉल्यूशन कैपिटल हो गई है. AQI 400 के पार पहुंच गया है. सीएम आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पानी छिड़काव के लिए कहा है.

AQI का बढ़ते स्तर ने बढ़ाई दिल्ली की टेंशन
AQI का बढ़ते स्तर ने बढ़ाई दिल्ली की टेंशन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 4, 2024, 2:06 PM IST

नई दिल्ली : एक बार फिर देशभर में दिल्ली चर्चा में है. इस बार वजह है प्रदूषण. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 के पार पहुंच गया है. अब लोगों को सुबह और शाम बाहर निकलने पर सांस लेने मुश्किल हो रही है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक "बहुत खराब" श्रेणी में बना पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सोमवार को सुबह 7 बजे राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया.

AQI का बढ़ता स्तर बढ़ा रहा दिल्ली की टेंशन: सोमवार को सुबह करीब 7 बजे, न्यू मोती बाग में AQI 400, आरकेपुरम में 393, द्वारका सेक्टर 8 में 393 और आईटीओ में 349 दर्ज किया गया. इन सभी इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बहुत खराब' दर्ज किया गया, जिससे स्वास्थ्य को काफी खतरा है.विवेक विहार में AQI 421 दर्ज किया गया, जबकि अशोक विहार में 409 दर्ज किया गया, जिससे वायु गुणवत्ता का स्तर "गंभीर श्रेणी" में पहुंच गया. AQI को '200 से 300' के बीच "खराब", '301 से 400' के बीच "बहुत खराब", '401-450' के बीच "गंभीर" और 450 और उससे अधिक के बीच "गंभीर प्लस" माना जाता है.

दिल्ली आनंद विहार बस टर्मिनल AQI का स्तर 433 तक पहुंच गया : दिल्ली का आनंद विहार, जिसमें अंतरराज्यीय बसों के लिए एक टर्मिनल है, प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित है, यहां AQI का स्तर 433 तक पहुंच गया है, जो इसे "गंभीर" श्रेणी में रखता है.

मुख्यमंत्री आतिशी आनंद विहार की समस्या को लेकर चिंतित : दिल्ली के आनंद विहार में खराब वायु गुणवत्ता की समस्या को उजागर करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि आनंद विहार क्षेत्र में खराब वायु गुणवत्ता का मुख्य कारण उत्तर प्रदेश से आने वाली बसें हैं, और इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार से चर्चा की जरूरत है. CM आतिशी ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार एक हफ्ते में 10 हजार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की नियुक्ति का प्रस्ताव जारी करेगी. ये वॉलंटियर्स प्रदूषण पर काबू करने की प्लानिंग पर काम करेंगे.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कौशांबी बस डिपो में पानी छिड़काव की दी सलाह : पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी उत्तर प्रदेश से आने वाली बसों के मुद्दे पर जोर दिया, साथ ही दावा किया कि उन बसों से निकलने वाला धुआं दिल्ली में "प्रदूषण को दोगुना" कर रहा है. उन्होंने आगे उत्तर प्रदेश सरकार से कौशांबी बस डिपो में पानी का छिड़काव करने का अनुरोध किया. आनंद विहार दिल्ली का बस टर्मिनल है और कौशांबी बस टर्मिनल इसके ठीक सामने है. उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में डीजल बसें यहाँ आ रही हैं. उन बसों से निकलने वाला धुआँ दिल्ली में प्रदूषण को दोगुना कर रहा है. मैं उत्तर प्रदेश सरकार से पानी का छिड़काव करने का अनुरोध करता हूं. हम संयुक्त प्रयास से समाधान ला सकते हैं.

ये भी पढ़ें : अब बढ़ते प्रदूषण पर लगेगी लगाम, संजीव झा ने एंटी स्मॉग गन को दिखाई हरी झंडी

प्रदूषण में बढ़ोतरी होने से CPOD सांस संबंधी बीमारियों में इजाफा : हाल ही में मुंबई से आए एक पर्यटक आशीष ने प्रदूषण पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, "कल मैं मुंबई से दिल्ली आया था. अभी बुजुर्गों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही है. हम धुंध के कारण सूर्योदय भी नहीं देख पा रहे हैं. यह एक गंभीर समस्या है और हमें इसका समाधान करने की जरूरत है.स्थानीय निवासी मनोज कुमार ने कहा, "लोगों को प्रदूषण के कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हम खुद को रोकने के लिए केवल यही कर सकते हैं कि अपने घरों से बाहर न निकलें, खासकर वे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है. प्रदूषण में बढ़ोतरी होते ही दिल्ली के अस्पतालों में खांसी, जुकाम, बुखार, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑबस्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज (CPOD) जैसी सास संबंधी बीमारियों के मरीज 35% बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में सर्दी के साथ छाने लगी धुंध की चादर, कम होने लगी विजिबिलिटी

ये भी पढ़ें : दिल्ली-NCR में होने लगा गुलाबी ठंड का अहसास, पर प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता, जानिए मौसम का हाल

नई दिल्ली : एक बार फिर देशभर में दिल्ली चर्चा में है. इस बार वजह है प्रदूषण. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 के पार पहुंच गया है. अब लोगों को सुबह और शाम बाहर निकलने पर सांस लेने मुश्किल हो रही है. दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक "बहुत खराब" श्रेणी में बना पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सोमवार को सुबह 7 बजे राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया.

AQI का बढ़ता स्तर बढ़ा रहा दिल्ली की टेंशन: सोमवार को सुबह करीब 7 बजे, न्यू मोती बाग में AQI 400, आरकेपुरम में 393, द्वारका सेक्टर 8 में 393 और आईटीओ में 349 दर्ज किया गया. इन सभी इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'बहुत खराब' दर्ज किया गया, जिससे स्वास्थ्य को काफी खतरा है.विवेक विहार में AQI 421 दर्ज किया गया, जबकि अशोक विहार में 409 दर्ज किया गया, जिससे वायु गुणवत्ता का स्तर "गंभीर श्रेणी" में पहुंच गया. AQI को '200 से 300' के बीच "खराब", '301 से 400' के बीच "बहुत खराब", '401-450' के बीच "गंभीर" और 450 और उससे अधिक के बीच "गंभीर प्लस" माना जाता है.

दिल्ली आनंद विहार बस टर्मिनल AQI का स्तर 433 तक पहुंच गया : दिल्ली का आनंद विहार, जिसमें अंतरराज्यीय बसों के लिए एक टर्मिनल है, प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित है, यहां AQI का स्तर 433 तक पहुंच गया है, जो इसे "गंभीर" श्रेणी में रखता है.

मुख्यमंत्री आतिशी आनंद विहार की समस्या को लेकर चिंतित : दिल्ली के आनंद विहार में खराब वायु गुणवत्ता की समस्या को उजागर करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि आनंद विहार क्षेत्र में खराब वायु गुणवत्ता का मुख्य कारण उत्तर प्रदेश से आने वाली बसें हैं, और इस बारे में उत्तर प्रदेश सरकार से चर्चा की जरूरत है. CM आतिशी ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार एक हफ्ते में 10 हजार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की नियुक्ति का प्रस्ताव जारी करेगी. ये वॉलंटियर्स प्रदूषण पर काबू करने की प्लानिंग पर काम करेंगे.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कौशांबी बस डिपो में पानी छिड़काव की दी सलाह : पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी उत्तर प्रदेश से आने वाली बसों के मुद्दे पर जोर दिया, साथ ही दावा किया कि उन बसों से निकलने वाला धुआं दिल्ली में "प्रदूषण को दोगुना" कर रहा है. उन्होंने आगे उत्तर प्रदेश सरकार से कौशांबी बस डिपो में पानी का छिड़काव करने का अनुरोध किया. आनंद विहार दिल्ली का बस टर्मिनल है और कौशांबी बस टर्मिनल इसके ठीक सामने है. उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में डीजल बसें यहाँ आ रही हैं. उन बसों से निकलने वाला धुआँ दिल्ली में प्रदूषण को दोगुना कर रहा है. मैं उत्तर प्रदेश सरकार से पानी का छिड़काव करने का अनुरोध करता हूं. हम संयुक्त प्रयास से समाधान ला सकते हैं.

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प्रदूषण में बढ़ोतरी होने से CPOD सांस संबंधी बीमारियों में इजाफा : हाल ही में मुंबई से आए एक पर्यटक आशीष ने प्रदूषण पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, "कल मैं मुंबई से दिल्ली आया था. अभी बुजुर्गों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही है. हम धुंध के कारण सूर्योदय भी नहीं देख पा रहे हैं. यह एक गंभीर समस्या है और हमें इसका समाधान करने की जरूरत है.स्थानीय निवासी मनोज कुमार ने कहा, "लोगों को प्रदूषण के कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हम खुद को रोकने के लिए केवल यही कर सकते हैं कि अपने घरों से बाहर न निकलें, खासकर वे लोग जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है. प्रदूषण में बढ़ोतरी होते ही दिल्ली के अस्पतालों में खांसी, जुकाम, बुखार, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑबस्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज (CPOD) जैसी सास संबंधी बीमारियों के मरीज 35% बढ़ गई है.

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