नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र स्थित आर्यन रेजीडेंसी और लॉयड कॉलेज के हॉस्टल में व्रत का खाना खाने से 100 से ज्यादा छात्र फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए. इन सभी ने हॉस्टल के मेस में खाना खाया था. खाना खाते के बाद छात्रों के पेट में दर्द शुरू हो गया और उल्टियां होने लगीं. इस घटना से अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद छात्रों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनका इलाज जारी है.
दरअसल, शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर कुछ छात्रों ने व्रत रखा था. व्रत का खाना खाने के बाद छात्र अपने कमरे में चले गए. कुछ देर बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी. सभी छात्रों को उल्टी, पेट दर्द की शिकायत होने लगी. हालत बिगड़ते देख हॉस्टल संचालक घबरा गए और बीमार छात्रों को अस्पताल पहुंचाया गया. कई छात्र तो खुद से ही अस्पताल पहुंचे, जहां उनका इलाज चल रहा है.
एक बीमार छात्र विशाल ने बताया कि, "महाशिवरात्रि के पर्व पर व्रत रखने वाले छात्रों के लिए अलग से खाना बनाया गया था. खाना खाने के बाद जब सभी छात्र अपने कमरों में चले गए, लेकिन रात को लगभग 12 बजे से उनकी तबियत अचानक बिगड़ने लगी." वहीं पियूष चौधरी ने बताया कि, उसने शुक्रवार रात लगभग 9:30 बजे खाना खाया था. उसके बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया. लगभग एक-दो घंटे के बाद उसके पूरे शरीर में दर्द होने लगा और उल्टियां शुरू हो गई. ऐसी ही स्थिति अन्य छात्रों की भी थी, जिसके बाद सभी को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. पीयूष ने बताया कि जिस अस्पताल में वह भर्ती है, वहां पर लगभग 25 के करीब छात्रों का इलाज चल रहा है. अन्य छात्रों को दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
यह भी पढ़ें- दिल्ली एम्स की एक और बड़ी उपलब्धि, हिप और नी रिप्लेसमेंट के बाद अब कोहनी भी हो सकेगी रिप्लेस
वहीं ग्रेटर नोएडा स्थित कैलाश अस्पताल के डॉक्टर हक ने बताया कि, "आर्यन रेजीडेंसी और लॉयड हॉस्टल के छात्र फूड पॉइजनिंग के शिकार हैं. इस अस्पताल में लगभग 47 बच्चों का इलाज चल रहा है, इनकी स्थिति अब सामान्य है." उनके अलावा थाना नॉलेज पार्क पुलिस का कहना है कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. खाद्य विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर खाने का सैंपल लिए है. कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
यह भी पढ़ें- जैप एक्स मशीन से बिना दर्द और ब्लड लॉस के केवल 30 मिनट में होगा ब्रेन ट्यूमर का इलाज