कानपुर : अब हजारों की संख्या में जो लोग रोजाना कानपुर से लखनऊ की दूरी दो से ढाई घंटे में तय करते थे उनके लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने ट्रांस गंगा सिटी में आधारभूत विकास के लिए सरसैया घाट से ट्रांस गंगा सिटी के बीच पुल को मंजूरी दे दी है.
जानकारी के मुताबिक, इस पुल के बन जाने से ट्रांस गंगा सिटी का तो विकास होगा, साथ में कानपुर से लखनऊ आवागमन करने के लिए लोगों को एक और नया रास्ता भी मिल जाएगा. सूबे के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की 46वीं बैठक में इसका प्रस्ताव रखा गया था, जिसे बोर्ड ने मंजूर कर दिया. 1.8 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण कार्य में 538.10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम को नोडल एजेंसी भी बनाया गया है.
कई साल पहले पुल बनाने की योजना हुई थी तैयार : यूपीसीडा के आला अफसरों ने बताया कि कई साल पहले सरसैया घाट से ट्रांस गंगा सिटी तक गंगा के ऊपर पुल बनाने की योजना को तैयार किया गया था, ताकि उन्नाव में बन रही ट्रांस गंगा सिटी तक पहुंचने वाले रास्ते की दूरी कम और सुगम किया जा सके. बुधवार को ट्रांस गंगा सिटी में विकास को लेकर हुई बैठक में पुल बनाने की योजना को मंजूरी मिल गई, जिसे 36 माह में बनाना होगा. 1.8 किलोमीटर लंबे इस पुल से मात्र 2 से 3 मिनट में राहगीर सरसैया घाट से सीधे ट्रांस गंगा सिटी पहुंचा देगा. वहीं, पुल के साथ ही 2.8 किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क भी तैयार किया जाएगा. इस घुमावदार मार्ग के माध्यम से राहगीर पुल तक पहुंच सकेंगे.
प्रोविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (PIA) के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अतुल सेठ ने बताया कि ट्रांस गंगा सिटी योजना के लिए पुल की मांग उद्यमी पिछले काफी वर्षों से कर रहे थे. बिना पुल के ट्रांस गंगा सिटी में निवेश की योजना एक सपने जैसी है. अब अगर पुल की स्वीकृति हो गई है तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में उद्यमियों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी.
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