लखनऊ : धरना-प्रदर्शन एवं सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोपी भाजपा नेता व एमएलसी अशोक कटारिया सहित डेढ़ दर्जन लोगों के विरुद्ध सरकार द्वारा मुकदमा वापस लिए जाने की अर्जी को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया. साथ ही कोर्ट ने आरोपियों की उपस्थिति के लिए 18 मार्च की तिथि नियत की है.
पत्रावली के अनुसार 22 नवंबर 2005 को थाना हजरतगंज में सरकारी काम में बाधा डालने व बलवाकर रोड जाम करने की रिपोर्ट लिखाई गई थी. विवेचना के बाद पुलिस ने 26 अगस्त 2006 को भारतीय जनता युवा मोर्चा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार कटारिया, महामंत्री राम प्रताप सिंह चौहान, प्रदेश मंत्री शंकर लाल लोधी, हरदोई के जिलाध्यक्ष राम बहादुर सिंह एवं बनारस के पूर्व मेयर कौशलेंद्र सिंह सहित 17 लोगों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. इस मामले में 19 नवंबर 2019 को शासन ने कटारिया सहित इन सभी लोगों के विरुद्ध मामला वापस लेने का निर्णय किया था. जिसके बाद अभियोजन अधिकारी ने शासनादेश के साथ प्रार्थना पत्र को कोर्ट में दाखिल किया था.
अभियोजन की ओर से दी गई अर्जी को अदालत ने खारिज करते हुए कहा है कि आरोपी प्रदेश स्तर के नेता हैं तथा उन्हें शांतिपूर्वक शर्त के साथ प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी, परंतु उनके द्वारा सरकारी काम में बाधा पहुंचाते हुए देसी बम व ईंट पत्थर फेंके गए, जिससे भगदड़ मच गई. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि प्रार्थना पत्र में यह कहीं भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि मुकदमा वापसी किस प्रकार से जनहित में है.