अनूपपुर: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित अमरकंटक जो कि जीवनदायनी मां नर्मदा का उद्गम स्थल के रूप में जाना जाता है. नर्मदा के उद्गम के साथ अमरकंटक में शीशम, सागौन और साल का घना जंगल है. जहां सूरज की किरणें भी नहीं पहुंचती हैं. अमरकंटक मैकल पर्वत श्रेणी की सबसे ऊंची श्रृंखला है, जहां देश के कोने-कोने व विदेशों से सैलानियों का आना-जाना बना रहता है. यहां केवकंद नाम की एक औषधि पाई जाती है जो कि कई रोगों के लिए कारगर है.
मुख्यमंत्री ने किया था अनूपपुर का दौरा
अमरकंटक हरी-भरी वादियां, प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही दुर्लभ औषधियों को अपनी गोद में समाहित किए हुए है. विगत दिनों मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अनूपपुर जिले के दौरे पर आये थे. इस दौरान उन्होंने अमरकंटक में मिलने वाली जड़ी बूटियों और औषधियों को संग्रहित करने की योजना बनाए जाने की बात कही थी. इसी कड़ी में अमरकंटक के जंगलों में पाए जाने वाला औषधि केवकंद जो कई बीमारियों के इलाज में लाभकारी माना जाता है.
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कई रोगों का रामबाण इलाज है केवकंद
अमरकंटक में रहने वाले वैद्य प्रदीप शुक्ला ने बताया कि ''केवकंद आयुर्वेद में इलाज के लिए बहुत बड़ी प्रजाति के रूप में माना जाता है. इसका प्रयोग बहुत सारी आयुर्वेदिक दवाई बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है. प्रमुख रूप से अगर किसी व्यक्ति को शरीर में दर्द हो तो सरसों के तेल में केवकंद डालकर पका ले. इसके बाद यह तेल दर्द नाशक के रूप में कार्य करता है. साथ ही जिस किसी व्यक्ति के हाथ पैर के जोड़ों में दर्द हो वह भी इसका प्रयोग कर सकते हैं. केवकंद को अगर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में आग में भूंजकर शहद के साथ सेवन किया जाए तो पुरानी से पुरानी खांसी ठीक हो जाती है. केवकंद हड्डियों को जोड़ने में भी लाभकारी माना गया है.''