रांची: कांग्रेस ने अनुपमा सिंह को धनबाद लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर कोयलांचल की तपिश बढ़ा दी है. अनुपमा सिंह ऐसी पहली उम्मीदवार हैं जिनकी झारखंड की राजनीति में वाइल्ड कार्ड एंट्री हुई है. इनका सक्रिय राजनीति से कोई नाता नहीं रहा है लेकिन राजनीति के गढ़ में लंबा समय जरुर बीता है. इनके साथ कई प्लस प्वाइंट जुड़े हुए हैं.
पहला तो ये कि अनुपमा सिंह उस दिवंगत कांग्रेसी राजेंद्र सिंह की बहू हैं जो बेरमो से चुनाव जीतकर बिहार और झारखंड की सरकारों में मंत्री रह चुके हैं. दूसरा प्लस प्वाइंट यह है कि इनके पति जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह बेरमो से कांग्रेस के विधायक हैं. पिता के असमय निधन पर हुए उपचुनाव में अनूप सिंह को जीत हासिल हुई थी. वह पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के बेहद करीबी माने जाते हैं.
सूत्र बताते हैं कि अनुप सिंह ने अपनी पत्नी अनुपमा सिंह को धनबाद से प्रत्याशी बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा था. इसमें बोकारो से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के एक नेता का पूरा साथ मिला. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति झा आजाद को भाजपा प्रत्याशी रहे पीएन सिंह के सामने मैदान में उतारा था. लेकिन इसबार कांग्रेस ने वाइल्ड कार्ड एंट्री देकर कोयलांचल के वोटरों को सरप्राइज कर दिया है.
अनुपमा सिंह का बैकग्राउंड
अनुपमा सिंह पटना वीमेंस कॉलेज से राजनीति शास्त्र में ग्रेजुएट हैं. इनके पिता डॉ राजकिशोर सिंह बिहार के आरा के रहने वाले हैं. वह बिहार में सिविल सर्जन रहे हैं. अनुपमा सिंह की दो पुत्री और एक पुत्र हैं. बड़ी बेटी अनन्या सिंह 12वीं की छात्रा है. दूसरी बेटी अस्मिता सिंह 10वीं की छात्रा है. पुत्र युवराज सिंह राठौर दूसरी कक्षा के छात्र हैं. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक अनुपमा सिंह के नाना जी वर्षों पहले हाजीपुर से आकर बेरमो में ही बस गये थे.
सबसे कम उम्र की प्रत्याशी होंगी अनुपमा
एनडीए और इंडिया गठबंधन की ओर से घोषित प्रत्याशियों में अनुपमा सिंह सबसे कम उम्र की प्रत्याशी हैं. इनका डेट ऑफ बर्थ 1985 का है. इस लिहाज से इनकी उम्र करीब 39 साल है. इंडिया गठबंधन के अन्य प्रत्याशियों की बात करें तो गोड्डा प्रत्याशी दीपिका पांडेय सिंह, चतरा प्रत्याशी केएन त्रिपाठी, लोहरदगा प्रत्याशी सुखदेव भगत, खूंटी से प्रत्याशी कालीचरण मुंडा, हजारीबाग प्रत्याशी जेपी पटेल की उम्र अनुपमा से ज्यादा है.
वहीं, झामुमो की ओर से घोषित सिंहभूम की प्रत्याशी जोबा मांझी, राजमहल प्रत्याशी विजय हांसदा, दुमका प्रत्याशी नलिन सोरेन और गिरिडीह से प्रत्याशी मथुरा महतो भी उम्र में काफी बड़े हैं. एनडीए की ओर से घोषित सभी 14 प्रत्याशी मसलन पलामू से बीडी राम, लोहरदगा से समीर उरांव, खूंटी से अर्जुन मुंडा, रांची से संजय सेठ, सिंहभूम से गीता कोड़ा, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो, हजारीबाग से मनीष जयसवाल, कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, धनबाद से ढुल्लू महतो, दुमका से सीता सोरेन, चतरा से कालीचरण सिंह, गोड्डा से निशिकांत दूबे और राजमहल से ताला मरांडी के अलावा गिरिडीह से आजसू प्रत्याशी चंद्र प्रकाश चौधरी की उम्र में अनुपमा से काफी बड़े हैं.
भाजपा के ढुल्लू महतो से होगा मुकाबला
अनुपमा सिंह का सामना भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो से होगा. उस ढुल्लू महतो से जिनपर दर्जनों आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. वह बाघमारा से भाजपा के विधायक भी हैं. ढुल्लू के नाम की घोषणा के बाद व्यवसायी वर्ग की ओर से भी सवाल उठाए गये थे. इस विवाद को निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भी अपने बयानों और सवालों से अच्छा खासा तूल दिया था. वह बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने की ईच्छा जता चुके थे. बस एक उम्मीद पाल रखी थी कांग्रेस का साथ मिल जाएगा तो उनकी जीत और बड़ी हो जाएगी. लेकिन अनुपमा सिंह की एंट्री से सरयू राय को नये सीरे से रणनीति बनानी होगी.
अनुपमा सिंह वाइल्ड कार्ड के जरिए चर्चा में आई हैं. लेकिन इनके विधायक पति अनुप सिंह कई वजहों से चर्चा में रहे हैं. उन्होंने ही सबसे पहले आरोप लगाया था कि झारखंड की सरकार को गिराने के लिए असम के गुवाहाटी में प्लानिंग हो रही है और इसमें कांग्रेस के कई नेता पाला बदलने के लिए बेकरार हैं. इसका खुलासा तब हुआ था, जब हावड़ा में करीब 50 लाख रुपए कैश के साथ कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी गिरफ्तार हुए थे. तीनों को लंबे समय तक कोलकाता की जेल में रहना पड़ा था. इन तीनों के खिलाफ विधायक अनूप सिंह ने ही रांची के अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
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