बुलंदशहर : भाजपा के पूर्व सांसद हरि नारायण राजभर की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए के न्यायधीश सुरेश कुमार शर्मा ने पूर्व सांसद की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी. हरिनारायण राजभर पर 22 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए कोतवाली देहात में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.
परिवादी के अधिवक्ता अनुपम यादव और अनु प्रीति यादव ने बताया कि घोसी से भाजपा के पूर्व सांसद हरि नारायण राजभर पर धर्मेंद्र सिंह ने एमएसएमई दिल्ली का अध्यक्ष बनवाने के नाम पर 30 लाख रुपये की मांगे थे. जिसमें परिवादी ने पूर्व सांसद की बातों पर विश्वास करके उन्हे 22 लाख रुपये दिए थे. बदले में पूर्व सांसद द्वारा फर्जी सरकारी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी कर ठगी की गई. पिछले साल इस मामले में कोतवाली देहात में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.
गैरहाजिर रहने पर कोर्ट ने जारी किए थे कुर्की के आदेश
करीब एक माह पूर्व एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने पूर्व सांसद हरि नारायण राजभर मामले में एसएसपी बुलंदशहर को डीएम व एसएसपी बलिया से समन्वय स्थापित कर अभियुक्त की स्थानीय संपत्ति का विवरण प्राप्त करने, नियमानुसार विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए गैरजमानती वारंट व कुर्की आदेश का पालन कराना सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए थे.
दाखिल की थी अग्रिम जमानत याचिका
कोर्ट के सख्त रुख के बाद पूर्व सांसद ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की. परिवादी के वकील अनुपम यादव व अनुप्रति यादव ने बताया कि अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी. जिसके बाद पूर्व सांसद हरि नारायण राजभर की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.
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