नई दिल्ली: राजधानी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए एंटी डस्ट कैम्पेन से संबंधित टीमें अब तक 2,764 निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर चुकी हैं. इसके तहत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर 76 स्थलों को नोटिस और चालान जारी किया गया है. साथ ही 17,40,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में सात अक्टूबर से एंटी डस्ट कैम्पेन चलाया जा रहा है, जो सात नवंबर तक चलेगा. इस अभियान के लिए 523 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें 13 संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि टीम लगातार ऐसे साइट्स का दौरा कर रही है, जहां निर्माण कार्य चल रहा है. टीम यह सुनिश्चित करेगी कि वहां निर्माण संबंधी दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है. इन निर्माणस्थलों पर 14 सूत्रीय नियमों का पालन करना जरूरी है. जो भी इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा, उसपर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उनपर जुर्माना भी लगाया जाएगा. वहीं अधिक उल्लंघन पाए जाने पर कंस्ट्रक्शन साइट को बंद कर दिया जाएगा.
An anti-dust campaign is being run by the Delhi government against dust pollution since October 7. Under this, so far 523 teams have inspected 2764 construction sites and a fine of Rs 17.40 lakh has been imposed. The anti-dust campaign is being continuously monitored from the…
— ANI (@ANI) October 19, 2024
लोगो से की अपील: गोपाल राय ने कहा कि डस्ट पॉल्यूशन को रोकने के लिए 85 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों और 500 वॉटर स्प्रिंकलर को पूरी दिल्ली में तैनात किया गया है. नवंबर महीने में शिफ्ट बढ़ाकर तीन शिफ्ट्स में मोबाइल एंटी स्मॉग गन को सड़कों पर तैनात किया जाएगा. साथ ही इसे कम करने के लिए हॉटस्पॉट वाले इलाकों में 80 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं. इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि टीम से रोजाना रिपोर्ट लें. उन्होंने लोगों से अपील भी की, कि अगर कहीं आपको निर्माण/विध्वंस कार्य में अनियमितता दिखे तो वे ग्रीन दिल्ली ऐप पर इसकी शिकायत करें.
कंस्ट्रक्शन साइट्स पर निर्माण के जारी किए गए नियम
- सभी निर्माण साइटों पर निर्माण स्थल के चारों तरफ धूल रोकने के लिए ऊंची टीन की दीवार खड़ी करना जरूरी है.
- धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साइट पर ही एंटी स्मॉग गन लगाने का नियम था, लेकिन अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर 1 एंटी स्मॉग गन, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर साइट पर 2, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर 3 और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर की निर्माण साइट पर कम से कम 4 एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य किया गया है.
- निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को तिरपाल या नेट से ढकना जरूरी है.
- निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री को लाने, ले जाने वाले वाहनों की सफाई एवं पहिए साफ करना जरूरी है.
- निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह से ढंकना जरूरी है.
- निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण का मलबा चिह्नित जगह पर ही डालना जरूरी है, सड़क के किनारे उसके भंडारण पर प्रतिबंध है.
- किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री, अपशिष्ट, मिट्टी-बालू को बिना ढके नहीं रखना है.
- निर्माण कार्य में पत्थर की कटिंग का काम खुले में नहीं होनी चाहिए. साथ ही ही पत्थर काटने में वेट जेट का उपयोग किया जाना चाहिए.
- निर्माण स्थल पर धूल से बचाव के लिए कच्ची सतह और मिट्टी वाले क्षेत्र में लगातार पानी का छिड़काव करना चाहिए.
- बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के निर्माण और ध्वस्तीकरण साइट्स जाने वाली सड़क पक्की और ब्लैक टॉप्पड होनी चाहिए.
- निर्माण और ध्वस्तीकरण से उत्पन्न अपशिष्ट का साइट पर ही रिसायकल किया जाना चाहिए या उसका चिन्हित साइट पर निस्तारण किया जाए और उसका रिकॉर्ड मेंटेन किया जाए.
- निर्माण स्थल पर लोडिंग-अनलोडिंग एवं निर्माण सामग्री या मलबे की ढुलाई करने वाले कर्मचारी को डस्ट मास्क देना पड़ेगा.
- निर्माण स्थल पर कार्य करने वाले सभी वर्कर के लिए चिकित्सा की व्यवस्था करनी होगी.
- निर्माण स्थल पर धूल कम करने के उपाय के दिशा-निर्देशों का साइन बोर्ड प्रमुखता से लगाना पड़ेगा.
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