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अयोध्या में अन्नकूट उत्सव : रामलला को कर्नाटक के भक्तों ने अर्पित किया छप्पन भोग - AYODHYA ANNAKOOT FESTIVAL

Ayodhya Annakoot Festival : अयोध्या के प्रमुख मठ मंदिरों में विराजमान "सरकार" की पूजा अर्चना की गई. मेरठ के मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु.

अयोध्या और मेरठ में अन्नकूट महोत्सव.
अयोध्या और मेरठ में अन्नकूट महोत्सव. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 2, 2024, 9:01 PM IST

अयोध्या/मेरठ : रामनगरी अयोध्या में शनिवार को अन्नकूट महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर अयोध्या के 1000 से अधिक प्रमुख मठ मंदिरों में विराजमान "सरकार" को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया. इसके बाद इसे ही श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में बांटा गया. इस दौरान कर्नाटक से पहुंचे राम भक्तों ने राम मंदिर में 56 प्रकार के व्यंजन रामलला को अर्पित किए.

अयोध्या और मेरठ के अन्नकूट महोत्सव में उमड़े श्रद्धालु. (Video Credit : ETV Bharat)



मान्यता है कि भगवान श्रीराम 14 वर्षों तक वनवास के दरमियान जंगलों में रहे और इस दरमियान उन्होंने फल खाकर के जीवन बिताया. लंका विजय करके जब भगवान श्री राम अयोध्या पहुंचे तो अयोध्या के जनमानस ने उनके लिए अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए और उन्हें उसका भोग लगाया. यह परंपरा आज भी दीपावली के अगले दिन अयोध्या में प्रचलित है. इस दिन अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है. जहां पर विराजमान सीताराम जी के विग्रह को 56 व्यंजनों का भोग लगाने के बाद अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं में महाप्रसाद का वितरण किया जाता है.



राम मंदिर में कर्नाटक से पहुंचे श्रद्धालुओं ने सुबह 4 बजे सरयू स्नान करने के बाद 56 व्यंजनों का भोग बनाया और फिर राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के सहयोग से रामलला को अर्पित किया. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि केरल के श्रद्धालुओं का संकल्प था. जिसको लेकर उन्होंने विशेष तैयारी की की थी. केरल से आए 125 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अपने हाथों से व्यंजन बनाए थे.

मेरठ में राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन को उमड़े भक्त

मेरठ में 1857 के क्रांति स्थल के रूप में प्रसिद्ध बाबा औघड़नाथ मंदिर परिसर में स्थित श्री राधा गोविंद मंदिर और मां अन्नपूर्णा मंदिर में अन्नकूट का आयोजन किया गया. यहां 56 भोग लगा कर भंडारे का आयोजन किया गया. बाबा औघड़नाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष सतीश कुमार सिंघल ने बताया कि मंदिर में गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. इस दौरान भगवान को छप्पन भोग के बाद पांच हजार से अधिक लोगों को प्रसाद वितरित किया गया.

यह भी पढ़ें : वनवास काल में 14 साल तक कंद मूल खाने वाले रामलला को अयोध्या के लोगों ने खिलाए 56 प्रकार के व्यंजन

यह भी पढ़ें : अन्नकूट पर्व पर लड्डू के मंदिर में विराजे भगवान काशी विश्वनाथ और माता अन्नपूर्णा, 532 कुंतल मिष्ठान का लगा भोग

अयोध्या/मेरठ : रामनगरी अयोध्या में शनिवार को अन्नकूट महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर अयोध्या के 1000 से अधिक प्रमुख मठ मंदिरों में विराजमान "सरकार" को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया. इसके बाद इसे ही श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में बांटा गया. इस दौरान कर्नाटक से पहुंचे राम भक्तों ने राम मंदिर में 56 प्रकार के व्यंजन रामलला को अर्पित किए.

अयोध्या और मेरठ के अन्नकूट महोत्सव में उमड़े श्रद्धालु. (Video Credit : ETV Bharat)



मान्यता है कि भगवान श्रीराम 14 वर्षों तक वनवास के दरमियान जंगलों में रहे और इस दरमियान उन्होंने फल खाकर के जीवन बिताया. लंका विजय करके जब भगवान श्री राम अयोध्या पहुंचे तो अयोध्या के जनमानस ने उनके लिए अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए और उन्हें उसका भोग लगाया. यह परंपरा आज भी दीपावली के अगले दिन अयोध्या में प्रचलित है. इस दिन अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है. जहां पर विराजमान सीताराम जी के विग्रह को 56 व्यंजनों का भोग लगाने के बाद अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं में महाप्रसाद का वितरण किया जाता है.



राम मंदिर में कर्नाटक से पहुंचे श्रद्धालुओं ने सुबह 4 बजे सरयू स्नान करने के बाद 56 व्यंजनों का भोग बनाया और फिर राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के सहयोग से रामलला को अर्पित किया. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि केरल के श्रद्धालुओं का संकल्प था. जिसको लेकर उन्होंने विशेष तैयारी की की थी. केरल से आए 125 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अपने हाथों से व्यंजन बनाए थे.

मेरठ में राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन को उमड़े भक्त

मेरठ में 1857 के क्रांति स्थल के रूप में प्रसिद्ध बाबा औघड़नाथ मंदिर परिसर में स्थित श्री राधा गोविंद मंदिर और मां अन्नपूर्णा मंदिर में अन्नकूट का आयोजन किया गया. यहां 56 भोग लगा कर भंडारे का आयोजन किया गया. बाबा औघड़नाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष सतीश कुमार सिंघल ने बताया कि मंदिर में गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. इस दौरान भगवान को छप्पन भोग के बाद पांच हजार से अधिक लोगों को प्रसाद वितरित किया गया.

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