दौसा. जिले में बीते दिनों एक महिला के ऑनलाइन बच्ची होने के मामले की जांच के लिए चिकित्सा विभाग ने चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है. दरअसल, शनिवार को ईटीवी भारत ने इस मामले की गहनता से जांच पड़ताल कर खबर प्रकाशित की थी. वहीं, ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद दौसा सीएमएचओ ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए 4 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया. साथ ही सीएमएचओ ने सात दिनों में मामले की जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कमेटी सदस्य ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी सिकराय को आदेश दिए गए. ऐसे में कमेटी ने एएनएम के रजिस्टर को जब्त कर जांच शुरू की है.
क्या है पूरा मामला : दरअसल, शनिवार को चिकित्सा विभाग का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था, जिसे सुनकर हर कोई हैरत में पड़ गया. वहीं, इस मामले के समाने आने के बाद चिकित्सा महकमे पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. बता दें कि जिले के सिकराय उपखंड के ग्राम पीलोड़ी निवासी प्रियंका मीणा ने 2018 में एक बेटे को जन्म दिया था. उसके बाद प्रियंका मीणा कभी गर्भवती नहीं हुई, लेकिन चिकित्सा विभाग की एएनएम हेमलता वर्मा ने अपने आंकड़े बढ़ाने के लिए प्रियंका को सरकारी रजिस्टर में गर्भीवती बताते हुए गत वर्ष जुलाई माह में एक बच्ची का ऑनलाइन जन्म करवा दिया. हालांकि, इस बीच अजन्मी बच्ची को कागजी तौर पर एएनएम द्वारा 4 माह तक टीके भी लगवा दिए गए. इधर, अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए एएनएम ने ऑनलाइन जन्मी बच्ची को इसी वर्ष जनवरी माह में कागजों में मृत भी घोषित कर दिया था.
महिला के पति ने की शिकायत : इस दौरान मामला जानकारी में आने के बाद महिला के पति कमल मीणा ने विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. सिकराय ब्लॉक सीएमएचओ भोलाराम गुर्जर ने बताया कि महिला के पति द्वारा इस संबंध में लिखित में शिकायत दी गई है. ऐसे में जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा ब्लॉक सीएमएचओ के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. ऐसे में जांच कमेटी मामले की जांच कर सात कार्य दिवस में अपनी जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपेगी. उसके बाद मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.