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श्रीगंगानगर में छह श्वानों को जिंदा जलाने पर फूटा पशु प्रेमियों का गुस्सा, अस्थि कलश लेकर सचिवालय के बाहर किया विरोध प्रदर्शन - Dogs burning case in Sriganganagar

Six Dogs Burnt in Sriganganagar, राजस्थान के श्रीगंगानगर में छह निर्दोष श्वानों को जिंदा जलाने की घटना के बाद सोमवार को पशु प्रेमियों का गुस्सा फूट पड़ा. इसके बाद पशु प्रेमी श्वानों के अस्थि कलश को लेकर सचिवालय पहुंचे, जहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. ये विरोध प्रदर्शन जयपुर फॉर एनिमल्स नेटवर्क के बैनर तले किया गया. वहीं, मौके पर प्रदर्शन कर रहे पशु प्रेमियों ने 'बस, अब बहुत हो गया' स्लोगन दिए.

Six Dogs Burnt in Sriganganagar
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 11, 2024, 4:00 PM IST

श्वानों को जिंदा जलाने पर फूटा पशु प्रेमियों का गुस्सा

जयपुर. राज्य के श्रीगंगानगर जिले में छह निर्दोष श्वानों को जिंदा जलाने का मामला सामने आया. इस घटना से आक्रोशित पशु प्रेमियों ने सोमवार को सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मौके पर भारी संख्या में पशु प्रेमी एकत्रित हुए. खास बात यह रही कि सरकार तक बात पहुंचाने के लिए पशु प्रेमी श्रीगंगानगर से जिंदा जलाए गए श्वानों की अस्थि कलश लेकर आए और राज्य सचिवालय के बाहर अस्थि कलश को रखकर विरोध प्रदर्शन किए. वहीं, नाराज पशु प्रेमियों ने कहा कि पशुओं की सुरक्षा के लिए बने कानून का सही तरीके पालन नहीं हो रहा है. यही वजह है कि राज्य में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जो अपने आप में चिंता का विषय है.

बेजुबानों को संरक्षण दे सरकार : जयपुर फॉर एनिमल्स नेटवर्क की सदस्य आनंद आशिया ने कहा कि यह प्रदर्शन केवल एक दुखद घटना की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक सीधा प्रतिसाद है. उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से पुलिस की ओर से पशुओं के खिलाफ अपराध की सुनिश्चित उपेक्षा व न्याय की कमी की वजह से ऐसी घटनाएं लगातार घट रही हैं. पशु क्रूरता कानून बने हैं, लेकिन पुलिस के स्तर पर उसकी पालना नहीं हो रही है. हम यह नहीं कहते हैं कि पशुओं की संख्या बढ़ाई जाए, लेकिन हम चाहते हैं कि जो पशु हैं, उन्हें उनके अधिकार मिले. ऐसे में उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए बने कानून का सही तरीके से पालन हो.

Six Dogs Burnt in Sriganganagar
Six Dogs Burnt in Sriganganagar

इसे भी पढ़ें - क्रूरता की हदें पार : श्रीगंगानगर में श्वान के 6 बच्चों को पेट्रोल डाल कर जिंदा जलाया

बेजुबानों की रक्षा करे सरकार : आशिया ने कहा कि प्रशासन से कई बार अपील करने के बावजूद हमारे नेटवर्क के सदस्यों को हमेशा ही निराशा हाथ लगी है. वहीं, सरकार तक आवाज पहुंचने और बेजुबानों को सुरक्षा दिलाने के मकसद से अब हम सरकार की चौखट पर आए हैं. उधर, पशु प्रेमी शांता खुराणा ने कहा कि श्रीगंगानगर में छह निर्दोष श्वानों को जिंदा जलाने की घटना भयावह है, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है. प्रदेश में घटित इस वीभत्स घटनाओं को लेकर अब सरकार को गंभीरता से सोचना पड़ेगा. साथ ही पुलिस की ओर से जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज करना चाहिए था, वो नहीं किया जा रहा है. ऐसे में न्याय की उम्मीद शून्य मात्र हो गई है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के जरिए हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि वो बेजुबान पशुओं की आवज बने और उन्हें न्याय दिलाए. खुराणा ने कहा कि रिसर्च बताता है कि जो आज इन पशुओं के साथ क्रूरता कर रहा है, वो आने वाले समय में मनुष्यों के साथ भी ऐसा ही करेगा. यही वजह हम राज्य सरकार से आरोपियों के खिलाफ अविलंब सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

Six Dogs Burnt in Sriganganagar
Six Dogs Burnt in Sriganganagar

इसे भी पढ़ें - जोधपुर में युवती पर डॉग्स अटैक का वीडियो आया सामने

अस्थि कलश के साथ प्रदर्शन : श्रीगंगानगर में जिंदा जले श्वानों की अस्थियां लेकर पहुंचीं पशु प्रेमी प्रीति गुप्ता ने कहा कि इस कलश को हाथ में लेकर उनकी रूह कांप रही है. कोई कैसे एक-दो माह के श्वान के बच्चों को जिंदा जला सकता है? भला इनका कसूर क्या था? ये इतनी कम उम्र के थे कि किसी को काट भी नहीं सकते थे. वहीं, अब इस मामले में भारतीय दंड संहिता की सख्त धाराओं को जोड़कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

श्वानों को जिंदा जलाने पर फूटा पशु प्रेमियों का गुस्सा

जयपुर. राज्य के श्रीगंगानगर जिले में छह निर्दोष श्वानों को जिंदा जलाने का मामला सामने आया. इस घटना से आक्रोशित पशु प्रेमियों ने सोमवार को सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मौके पर भारी संख्या में पशु प्रेमी एकत्रित हुए. खास बात यह रही कि सरकार तक बात पहुंचाने के लिए पशु प्रेमी श्रीगंगानगर से जिंदा जलाए गए श्वानों की अस्थि कलश लेकर आए और राज्य सचिवालय के बाहर अस्थि कलश को रखकर विरोध प्रदर्शन किए. वहीं, नाराज पशु प्रेमियों ने कहा कि पशुओं की सुरक्षा के लिए बने कानून का सही तरीके पालन नहीं हो रहा है. यही वजह है कि राज्य में लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जो अपने आप में चिंता का विषय है.

बेजुबानों को संरक्षण दे सरकार : जयपुर फॉर एनिमल्स नेटवर्क की सदस्य आनंद आशिया ने कहा कि यह प्रदर्शन केवल एक दुखद घटना की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक सीधा प्रतिसाद है. उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से पुलिस की ओर से पशुओं के खिलाफ अपराध की सुनिश्चित उपेक्षा व न्याय की कमी की वजह से ऐसी घटनाएं लगातार घट रही हैं. पशु क्रूरता कानून बने हैं, लेकिन पुलिस के स्तर पर उसकी पालना नहीं हो रही है. हम यह नहीं कहते हैं कि पशुओं की संख्या बढ़ाई जाए, लेकिन हम चाहते हैं कि जो पशु हैं, उन्हें उनके अधिकार मिले. ऐसे में उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए बने कानून का सही तरीके से पालन हो.

Six Dogs Burnt in Sriganganagar
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बेजुबानों की रक्षा करे सरकार : आशिया ने कहा कि प्रशासन से कई बार अपील करने के बावजूद हमारे नेटवर्क के सदस्यों को हमेशा ही निराशा हाथ लगी है. वहीं, सरकार तक आवाज पहुंचने और बेजुबानों को सुरक्षा दिलाने के मकसद से अब हम सरकार की चौखट पर आए हैं. उधर, पशु प्रेमी शांता खुराणा ने कहा कि श्रीगंगानगर में छह निर्दोष श्वानों को जिंदा जलाने की घटना भयावह है, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है. प्रदेश में घटित इस वीभत्स घटनाओं को लेकर अब सरकार को गंभीरता से सोचना पड़ेगा. साथ ही पुलिस की ओर से जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज करना चाहिए था, वो नहीं किया जा रहा है. ऐसे में न्याय की उम्मीद शून्य मात्र हो गई है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के जरिए हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि वो बेजुबान पशुओं की आवज बने और उन्हें न्याय दिलाए. खुराणा ने कहा कि रिसर्च बताता है कि जो आज इन पशुओं के साथ क्रूरता कर रहा है, वो आने वाले समय में मनुष्यों के साथ भी ऐसा ही करेगा. यही वजह हम राज्य सरकार से आरोपियों के खिलाफ अविलंब सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

Six Dogs Burnt in Sriganganagar
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अस्थि कलश के साथ प्रदर्शन : श्रीगंगानगर में जिंदा जले श्वानों की अस्थियां लेकर पहुंचीं पशु प्रेमी प्रीति गुप्ता ने कहा कि इस कलश को हाथ में लेकर उनकी रूह कांप रही है. कोई कैसे एक-दो माह के श्वान के बच्चों को जिंदा जला सकता है? भला इनका कसूर क्या था? ये इतनी कम उम्र के थे कि किसी को काट भी नहीं सकते थे. वहीं, अब इस मामले में भारतीय दंड संहिता की सख्त धाराओं को जोड़कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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