देहरादूनः इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) बल के साथ मीट सप्लाई को लेकर हुए करार के बाद पहले फेज में उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और चमोली से मीट की सप्लाई का काम शुरू हो गया है. जिसको लेकर विभागीय मंत्री सौरभ बहुगुणा ने राज्य और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है.
किसानों को पशुओं और मुर्गियों की बिक्री को बेहतर तरह से उपलब्ध कराने के लिए पशुपालन विभाग ने आईटीबीपी के साथ विशेष एमओयू किया है. जिसको लेकर अब पहले चरण में सबसे पहले उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और चमोली से चिकन, मटन और फिश की सप्लाई शुरू हो गई है. पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड के मत्स्य पालकों और मुर्गी पालकों को व्यापार करने के लिए मार्केट उपलब्ध कराना हमारा मुख्य मकसद है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि पशुपालकों और दुग्ध पालकों की आय दोगुनी हो, उसके लिए यह कदम कारगर साबित होगा. यह पर्वतीय क्षेत्रों में कुल 200 करोड़ रुपए का व्यापार उपलब्ध कराएगा.
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉक्टर नीरज सिंघल ने बताया कि इस योजना के तहत सबसे पहले वाइब्रेंट विलेज को लाभ दिया जा रहा है, जिसमें सीमांत इलाकों के ग्रामीण जो कि पशुपालन करते हैं, जिसमें की बकरी, भेड़, मुर्गी और मत्स्य पालन करने वाले पशुपालक मौजूद हैं, उनको शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि डिमांड को लेकर आइटीबीपी 7 दिन पहले ऑर्डर बुक करवाएगी जिसे वहीं आसपास के लोगों द्वारा मीट उपलब्ध कराया जाएगा और इस तरह से जहां एक तरफ फ्रेश मीट उपलब्ध होगा. वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा और वाइब्रेट क्षेत्र की इकोनॉमी बूस्ट अप होगी.
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