अंबाला/चंडीगढ़: हरियाणा बीजेपी के पुराने नेताओं में अनिल विज का नाम आता है. वे छह बार अंबाला कैंट विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं. 2009 से उन्होंने लगातार तीन बार जीत हासिल की है. ऐसे में अनिल विज की नाराजगी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. जिस तरह से कल हरियाणा में राजनीतिक उठा-पटक देखने को मिली उससे अनिल विज नाराज बताये जा रहे हैं.
क्या मान गये अनिल विज?: हरियाणा की राजनीति के जानकार अनिल विज के अगले कदम की ओर बहुत ध्यान से नजर रख रहे हैं. जिस तरह से वे कल विधायक दल की बैठक को बीच में छोड़ कर अंबाला के लिए निकल गये थे, उससे उनकी नाराजगी साफ झलक रही थी. चंडीगढ़ से अंबाला जाते वक्त उन्होंने मीडिया से भी बात नहीं की. लेकिन आज वे विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए जब अंबाला से निकल तो उन्होंने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि "मैं बीजेपी का अनन्य भक्त हूं. परिस्थितियां बदलती रहती है. मैंने पहले भी बीजेपी के लिए काम किया है और आगे भी इससे भी ज्यादा काम करूंगा".
अनिल विज के समर्थकों में निराशा: अनिल विज के राजनीतिक सफर के दौरान उनके समर्थकों को कई बार ऐसा लगा कि उनके नेता को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. साल 2014 में चुनाव के दौरान बीजेपी ने जीत हासिल की तो उनके समर्थकों को लगा था कि अनिल विज को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 2019 में भी विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें गृह मंत्री बनाया गया. कल यानि मंगलवार को जब मनोहर लाल ने इस्तीफा दिया तो अनिल विज के समर्थकों को यह उम्मीद थी कि उनके नेता को इस बार सीएम का पद मिल जाएगा. लेकिन एक बार फिर उन्हें निराशा ही हाथ लगी. खुद अनिल विज भी विधायक दल की बैठक को बीच में छोड़ कर निकल गये.