रांची: मंत्री पद को लेकर कांग्रेस में उठा विवाद समय के साथ थमने लगा है. दिल्ली दरबार में गुहार लगाने गए कांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक विधायक खाली हाथ लौटने को मजबूर हो गए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के बजाय उमंग सिंघार से मिलकर विधायकों ने बातों को रखा है. ऐसे में कांग्रेस के नाराज विधायक बुधवार तक रांची लौट जाएंगे. 22 फरवरी को विधानसभा सत्र को लेकर होने वाली सत्तारूढ़ विधायक दल की बैठक में भाग लेंगे.
नाराज कांग्रेस विधायक को माया मिली ना राम
16 फरवरी को मंत्रिपरिषद विस्तार के समय से नाराज चल रहे कांग्रेस विधायक की स्थिति ना माया मिली ना राम जैसी है. पार्टी ने इतना जरूर किया है कि नाराज विधायक पर किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करने का फैसला लिया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर का मानना है कि पार्टी के अंदर लोकतंत्र है जिसमें सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है.
उन्होंने कहा कि विधायक की नाराजगी दूर की जा रही है. हर विधायक चाहते हैं कि उनके क्षेत्र में अधिक से अधिक काम हो इसको लेकर यदि प्रदेश स्तर से संतुष्ट नहीं होते हैं तो विधायक केंद्रीय नेताओं के पास अपनी बात रखना चाहते हैं जाहिर तौर पर उनकी बातों को सुनी जाएगी उसके बाद हम लोग भी बताएंगे यहां से क्या कुछ हो सकता है इसलिए कोई विशेष बात नहीं है. मंत्रिमंडल विस्तार के समय भी नाराज विधायक उपस्थित हुए थे.
बहरहाल, एक तरफ लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजने वाली है और इसको लेकर तैयारी पूरी की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अंदर विधायकों की नाराजगी कहीं ना कहीं पार्टी के अंदर अंदरूनी कलह को प्रमाणित करता है जिसे दूर करना प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेताओं के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है.
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