पटना: सरकारी विद्यालयों के प्रातः कालीन समय संचालन को लेकर शिक्षक काफी आक्रोशित हैं. शिक्षकों ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया एक्स का सहारा लिया है. तमाम शिक्षक सुबह 6:00 बजे से 1:30 तक के विद्यालयी कार्य का विरोध कर रहे हैं. शिक्षक सुबह 6:30 से 11:30 तक शैक्षणिक कार्य और 12:00 तक शिक्षकों की छुट्टी चाहते हैं.
शिक्षकों से अपील: ऐसे में बिहार शिक्षक मंच की ओर से सभी शिक्षक साथियों से अपील की गई है कि स्कूल के समय में बदलाव को लेकर आज सभी शिक्षक 11 बजे से ट्वीट करें, हैशटैग #ReviseSchoolTiming के साथ. बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ का कहना है कि पूर्व में सुबह 6:30 बजे से 11:30 बजे तक प्रातः कालीन कक्षाएं चलती रही हैं.
"बच्चों की छुट्टी के बाद शिक्षकों की भी विद्यालय से छुट्टी हो जाती थी, लेकिन यह नया समय अव्यावहारिक है और इससे शिक्षकों को और विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को भी कठिनाई हो रही है. सुबह 6:00 विद्यालय आने के लिए 5:00 बजे सुबह बच्चों को उठाने में अभिभावक परेशान हो रहे हैं."- बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ
आंदोलन की तैयारी में शिक्षक संघ: बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा कि 12:00 बजे विद्यालय की छुट्टी होने के बाद 1:30 बजे शिक्षकों की छुट्टी हो रही है. इससे शिक्षकों को स्कूल से घर लौटने में कठिनाई हो रही है और शिक्षक गर्मी के प्रकोप के शिकार बन रहे हैं. यह संचालन का समय बदलना चाहिए और सोमवार तक ऐसा नहीं होता है तो शिक्षक आंदोलन करने को विवश होंगे.
ट्रेंड हो रहा #ReviseSchoolTiming: वहीं बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने बताया कि तमाम शिक्षक और शिक्षक संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पहले अपनी नाराजगी व्यक्त करेंगे. इसके तहत आज सुबह 11:00 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर #reviseschooltiming ट्रेंड कराएंगे.
"विद्यालयों का यह समय संचालन शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों और अभिभावकों को भी प्रताड़ित करने वाला है. यह सिर्फ शिक्षकों का ही मुद्दा नहीं है बल्कि समाज के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे प्रभावित हो रहे हैं. राजनेता इस पर सिर्फ लेटरबाजी कर रहे हैं और इससे काम चलने वाला नहीं है."-अमित विक्रम, अध्यक्ष,बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ
राजनेताओं से की गई ये अपील: उन्होंने आगे कहा कि अगर राजनेता वाकई शिक्षकों और सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और अभिभावकों के हितैषी हैं तो एसी कमरे से निकलकर सड़क पर उतरकर आंदोलन करें. राजभवन या विधानसभा में धरना पर बैठें. शिक्षक भी समर्थन करेंगे और समाज भी उनका पूरा समर्थन करेगा.
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