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आंगनबाड़ी वर्कर्स का छलका दर्द, ''काम ज्यादा और वेतन आधा'' - Anganwadi workers demands

Anganwadi workers demands बलरामपुर जिले के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विभागीय कार्य के अलावा अतिरिक्त कार्य से मुक्त करने की मांग की है.इसके लिए आंगनबाड़ी वर्कर्स ने संयुक्त कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि ''विभागीय कार्य के अलावा एक्स्ट्रा काम की जिम्मेदारी मिलने से दिन-रात काम के बोझ का तनाव रहता है. सिर्फ 10 हजार रुपए के मानदेय में काफी ज्यादा काम लिया जा रहा है.''

Anganwadi workers demands
आंगनबाड़ी वर्कर्स का छलका दर्द (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 29, 2024, 3:44 PM IST

बलरामपुर रामानुजगंज : बलरामपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उन्हें अतिरिक्त कार्यों से मुक्त करने की मांग की है. इन कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में रोजाना ड्यूटी करना होता है. साथ ही चुनाव में बीएलओ ड्यूटी करने के साथ ही पोषण ट्रेकर एप, महतारी वंदन योजना सहित कई कार्यों की जिम्मेदारी भी होती है.इन सब के बाद अब आंगनबाड़ी वर्कर्स से ओबीसी सर्वे का काम लिया जा रहा है.जिसके कारण अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केंद्रों का काम ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं.


आंगनबाड़ी वर्कर्स के सामने दोहरी मुसीबत : इस मामले में भारतीय मजदूर संघ की प्रदेश अध्यक्ष शोभा सिंह देव का कहना है कि हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनें अभी पोषण ट्रेकर एप पर काम कर रहीं हैं. इसके अलावा एक और एप्लीकेशन पर काम कर रही हैं. कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित करके पोषण माह चल रहा है. इसी बीच अभी निर्वाचन का काम भी चल रहा है. डोर-टू-डोर काम चल रहा है. इसमें नए मतदाताओं को जोड़ना और जिनकी मृत्यु हो गई है उनके नाम काटना है. इस बीच हमें ओबीसी सर्वे का काम भी दिया जा रहा है.

आंगनबाड़ी वर्कर्स का छलका दर्द (ETV Bharat Chhattisgarh)

''हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनों के लिए ये अतिरिक्त कार्य हो जा रहा है. इससे हमारे जो कुपोषित बच्चे हैं, आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे हैं वो वंचित हो जा रहे हैं. यही सब समस्या को लेकर हम कलेक्टर साहब के पास ज्ञापन देने आए हैं. हम बारह घंटे काम कर रहे हैं. इसे कम किया जाए. हमें जो अतिरिक्त काम दिया जा रहा है इससे मुक्त किया जाए. हमारे विभाग का काम भी बाधित हो रहा है.'' शोभा सिंह देव, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय मजदूर संघ


10 हजार के मानदेय में काम का बोझ : इस मामले में भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख प्रत्युष केशरी ने बताया, हमारी मांग ये है कि हमारी जो आंगनबाड़ी की बहनें हैं उनको सरकार बीएलओ का काम कर ही रही हैं. अभी ओबीसी सर्वे के लिए आया है उसमें भी इन्हें इन्क्लूड कर दिया गया है. अब ये आंगनबाड़ी खोले या बीएलओ का काम देखें कि नया सर्वे करें.

''आंगनबाड़ी में सब ऑनलाइन हो गया है. पोषण ट्रेकर एप में भी इनको केन्द्र से ही भरना रहता है नहीं तो इनकी हाजिरी निरस्त हो जाती है. एक्स्ट्रा काम ये कहां से कर पाएंगी. घर-घर जाकर बीएलओ का काम करना है उसके बाद सर्वे, यहां तक कि संडे के दिन भी छुट्टी नहीं मिल पाता है. हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सबसे कम मानदेय पर काम करती हैं.'' प्रत्युष केशरी, विभाग प्रमुख, भारतीय मजदूर संघ

आपको बता दें कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की जिम्मेदारी के साथ ही चुनावी ड्यूटी पोषण ट्रेकर एप में ओनलाइन इंट्री पोषण आहार वितरण जैसी जिम्मेदारियां संभालती हैं. अब ओबीसी सर्वेक्षण करने की एक्स्ट्रा जिम्मेदारी मिलने से आंगनबाड़ी वर्कर्स ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.जिसमें एक्स्ट्रा वर्क से छुटकारा दिलाने की मांग की गई है.

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बलरामपुर रामानुजगंज : बलरामपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उन्हें अतिरिक्त कार्यों से मुक्त करने की मांग की है. इन कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में रोजाना ड्यूटी करना होता है. साथ ही चुनाव में बीएलओ ड्यूटी करने के साथ ही पोषण ट्रेकर एप, महतारी वंदन योजना सहित कई कार्यों की जिम्मेदारी भी होती है.इन सब के बाद अब आंगनबाड़ी वर्कर्स से ओबीसी सर्वे का काम लिया जा रहा है.जिसके कारण अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता केंद्रों का काम ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं.


आंगनबाड़ी वर्कर्स के सामने दोहरी मुसीबत : इस मामले में भारतीय मजदूर संघ की प्रदेश अध्यक्ष शोभा सिंह देव का कहना है कि हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनें अभी पोषण ट्रेकर एप पर काम कर रहीं हैं. इसके अलावा एक और एप्लीकेशन पर काम कर रही हैं. कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित करके पोषण माह चल रहा है. इसी बीच अभी निर्वाचन का काम भी चल रहा है. डोर-टू-डोर काम चल रहा है. इसमें नए मतदाताओं को जोड़ना और जिनकी मृत्यु हो गई है उनके नाम काटना है. इस बीच हमें ओबीसी सर्वे का काम भी दिया जा रहा है.

आंगनबाड़ी वर्कर्स का छलका दर्द (ETV Bharat Chhattisgarh)

''हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनों के लिए ये अतिरिक्त कार्य हो जा रहा है. इससे हमारे जो कुपोषित बच्चे हैं, आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे हैं वो वंचित हो जा रहे हैं. यही सब समस्या को लेकर हम कलेक्टर साहब के पास ज्ञापन देने आए हैं. हम बारह घंटे काम कर रहे हैं. इसे कम किया जाए. हमें जो अतिरिक्त काम दिया जा रहा है इससे मुक्त किया जाए. हमारे विभाग का काम भी बाधित हो रहा है.'' शोभा सिंह देव, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय मजदूर संघ


10 हजार के मानदेय में काम का बोझ : इस मामले में भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख प्रत्युष केशरी ने बताया, हमारी मांग ये है कि हमारी जो आंगनबाड़ी की बहनें हैं उनको सरकार बीएलओ का काम कर ही रही हैं. अभी ओबीसी सर्वे के लिए आया है उसमें भी इन्हें इन्क्लूड कर दिया गया है. अब ये आंगनबाड़ी खोले या बीएलओ का काम देखें कि नया सर्वे करें.

''आंगनबाड़ी में सब ऑनलाइन हो गया है. पोषण ट्रेकर एप में भी इनको केन्द्र से ही भरना रहता है नहीं तो इनकी हाजिरी निरस्त हो जाती है. एक्स्ट्रा काम ये कहां से कर पाएंगी. घर-घर जाकर बीएलओ का काम करना है उसके बाद सर्वे, यहां तक कि संडे के दिन भी छुट्टी नहीं मिल पाता है. हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सबसे कम मानदेय पर काम करती हैं.'' प्रत्युष केशरी, विभाग प्रमुख, भारतीय मजदूर संघ

आपको बता दें कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की जिम्मेदारी के साथ ही चुनावी ड्यूटी पोषण ट्रेकर एप में ओनलाइन इंट्री पोषण आहार वितरण जैसी जिम्मेदारियां संभालती हैं. अब ओबीसी सर्वेक्षण करने की एक्स्ट्रा जिम्मेदारी मिलने से आंगनबाड़ी वर्कर्स ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.जिसमें एक्स्ट्रा वर्क से छुटकारा दिलाने की मांग की गई है.

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