शिमला: लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व में नेताओं के हिस्से सुख और दुख आते रहते हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ. हिमाचल सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के हल्के हरोली ने उनकी एक पीड़ा हर ली. ये पीड़ा लोकसभा चुनाव में लीड के रूप में थी. यदि हरोली से लीड न मिलती तो मुकेश अग्निहोत्री को गहरी चोट लगती, लेकिन यहां के मतदाताओं ने अपने नेता पर भरोसा और अधिक जताया. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के इलाके में उनके हिस्से दुख आया. ये दुख नादौन से एक अच्छी खासी लीड न मिलने के रूप में आया. लीड मिलना तो दूर नादौन ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सतपाल सिंह रायजादा को बढ़त भी नहीं दिला पाए. इससे इतर हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो बेशक अनुराग सिंह ठाकुर पांचवीं बार जीत गए, लेकिन इस बार उन पर जनता ने पहले जैसा अनुराग नहीं जताया.
सीएम सुक्खू के लिए संकेत भी चेतावनी भी
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए ये चेतावनी है कि प्रदेश का भार संभालने वाले को अपने निर्वाचन क्षेत्र पर भी बराबर ध्यान देना होगा. अनुराग ठाकुर के लिए चेतावनी है कि लीड कम क्यों हुई, इस पर मंथन किया जाए. वहीं डिप्टी सीएम के लिए चेतावनी नहीं संकेत है कि आगे बढ़ो, हरोली भी समर्थन देने में पीछे नहीं रहेगी.
रायजादा को हरोली में 31876 तो नादौन में मिले 33230 वोट
कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल सिंह रायजादा को डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के निर्वाचन क्षेत्र हरोली में 31876 मत मिले. अनुराग ठाकुर को हरोली में 30341 मत मिले. यानी हरोली से डिप्टी सीएम ने सतपाल सिंह को 1500 से अधिक मत दिलाने में कामयाबी हासिल की. वहीं, सीएम के निर्वाचन क्षेत्र नादौन से रायजादा को 33230 वोट हासिल हुए. अनुराग ने यहां से 35373 मत लिए. इस तरह रायजादा के मुकाबले अनुराग को 2000 से अधिक मत हासिल हुए. यानी सीएम सुक्खू को नादौन के 2000 से अधिक मतदाताओं ने एक तरह से संदेश दिया कि आप कौन?
पिछले चुनाव यानी 2019 की बात की जाए तो अनुराग ठाकुर को सभी 17 निर्वाचन क्षेत्रों से लीड मिली थी. इस बार भी लीड मिली है, लेकिन हरोली ने उन्हें सियासी रूप से हराया है. अनुराग की बढ़त 2019 में हरोली से 14921 मतों की थी. इसके अलावा नादौन से ये बढ़त 27334 मतों की थी. इस बार नादौन में अंतर काफी कम हुआ है, लेकिन सीएम अपने इलाके से रायजादा को बढ़त नहीं दिला सके.
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