नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डीपफेक वीडियो के मामले में गिरफ्तार अरुण रेड्डी को जमानत दे दी. कोर्ट ने रेड्डी को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपी से आगे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है. आरोपी के पास से कुछ और जब्त नहीं किया जाना है और उसका फोन पहले ही जब्त कर लिया गया है.
कोर्ट ने अरुण रेड्डी को निर्देश दिया कि वो जब भी जरूरत होगी जांच में शामिल होगा. साथ ही उसको अपना मोबाइल नंबर एसएचओ को देने और मोबाइल को हमेशा ऑन स्थिति में रखने का निर्देश दिया. इसके अलावा गवाहों को प्रभावित करने और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का निर्देश दिया.
इससे पहले कोर्ट ने 6 मई को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. रेड्डी को 3 मई को गिरफ्तार किया गया था. वह X हैंडल ‘स्पिरिट ऑफ कांग्रेस’ को संचालित करता है. अरुण रेड्डी कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल का नेशनल कोआर्डिनेटर है. पुलिस के मुताबिक, अमित शाह के डीपफेक वीडियो बनाने में उसकी भूमिका है. इस वीडियो को वायरल करने में भी उसकी खासी भूमिका है. रेड्डी पर मोबाइल से सबूत मिटाने का भी आरोप है. पुलिस ने रेड्डी का फोन जब्त कर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है.
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बता दें, अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को हटाने की बात कही थी. इसका गृह मंत्री ने खंडन करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा था. उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में हैदराबाद पुलिस ने तेलंगाना कांग्रेस के पांच सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. पांचों को हैदराबाद के ट्रायल कोर्ट ने दस-दस रजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी और उन्हें अगले आदेश तक जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश दिया था.
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