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बंगाल में ममता 'दीदी' का किला ढहाने शाह ने भेजा बड़ा योद्धा, चक्रव्यूह में फंसेगी टीएमसी? - TMC trapped in BJP Chakravyuh

'दीदी' के अभेद्य किले को ढहाने के लिए बीजेपी कमर कस चुकी है. अमित शाह ने इस किले को भेदने के लिए ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया है कि यदि इसमें ममता बनर्जी फंस गई तो फिर मानकर चलिए कि बीजेपी अपने मंसूबे में कामयाब हो जाएगी. बीजेपी के बड़े स्टार प्रचारकों में शुमार और पार्टी के भरोसेमंद सिपाही शिवराज सिंह को इसकी बागडोर सौंपी गई है.

TMC TRAPPED IN BJP CHAKRAVYUH
ममता बनर्जी के गढ़ में शिवराज सिंह चौहान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 18, 2024, 4:58 PM IST

Updated : May 18, 2024, 5:10 PM IST

भोपाल। चुनाव में जनता से जुड़ने के लिए ममता बनर्जी हर बार कोई न कोई ऐसा इमोशनल कार्ड जरूर खेलती हैं जिससे देखा जाता है कि उनका पलड़ा भारी हो जाता है और वे चुनाव में बाजी मार ले जाती है. बीजेपी ने अब इसका तोड़ निकाल लिया है. एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह भी इस खेल के बेताज बादशाह माने जाते हैं. जनता से खुद को कैसे कनेक्ट करना है, उनके बीच कैसे अपनी पैठ बनाना है ये शिवराज से ज्यादा और कोई नहीं जानता. ऐसे में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को मात देने के लिए बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने नया चक्रव्यूह तैयार किया है. इस नए प्लान में सबसे पहले शिवराज सिंह चौहान को दीदी के गढ़ में उतारा गया है. मध्यप्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल और दिल्ली की लोकसभा सीटों पर शिवराज को भेजे जाने के पीछे बीजेपी हाईकमान की रणनीति क्या है.

MAMATA BANERJEE LOK SABHA SEAT
पश्चिम बंगाल में शिवराज सिंह चौहान ने भरी हुंकार (ETV Bharat)

पहले कैलाश और अब शिवराज

एमपी के चुनाव से फारिग हो जाने के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अब बीजेपी उन राज्यों में भेज रही हैं, जहां बीजेपी की पिच मजबूत नहीं है. पश्चिम बंगाल में एमपी के ही कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को उतारा है. ममता दीदी के गढ़ में मामा शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की मेदनीपुर घाटल और श्रीरामपुर लोकसभा सीट पर सभाएं ली हैं. पार्टी के सबसे भरोसेमंद चेहरे में गिने जाने वाले शिवराज सिंह चौहान की पश्चिम बंगाल की परफार्मेंस रिपोर्ट उनकी केन्द्र की राजनीति पर कितना असर डालेगी.

AMIT SHAH BENGAL LOK SABHA WIN PLAN
प्रचार के दौरान शिवराज ने ममता बनर्जी पर कसे तंज (ETV Bharat)

पश्चिम बंगाल की ये सीटें बनीं शिवराज का इम्तेहान

एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा लोकसभा सीट से खुद चुनाव लड़ा. इसके अलावा भी एमपी की दो दर्जन से ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे. अब एमपी की 29 लोकसभा सीटों पर प्रचार खत्म हो जाने के बाद पार्टी ने शिवराज को ममता दीदी के गढ़ पश्चिम बंगाल में उतारा है. जिस इमोशनलकार्ड के साथ ममता बैनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अपना जुड़ाव बनाया है, उसमें सेंध लगाने बीजेपी का मामा दांव कितना सफल हो पाएगा.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि "असल में शिवराज सिंह चौहान की इमेज ही एक सहज सुलभ राजनेता की है. उनकी भाषण शैली सभाओं में उनका आत्मीय अंदाज उन्हें खास तौर पर युवाओं और महिला वर्ग में जल्द कनेक्ट करता है. इस नजरिए से देखिए तो बंगाल की जिन सीटों पर शिवराज को प्रचार की कमान दी गई है वे वहां पर दीदी का जादू बेअसर करने की पूरी कोशिश करेंगे. पश्चिम बंगाल की मेदिनीपुर , घाटल और श्रीरामपुर वो लोकसभा सीटें हैं जहां शिवराज को जनसभाओं के साथ बीजेपी का वोट शेयर बढ़ाने की जवाबदारी सौंपी गई है."

BJP Campaign In West Bengal
दीदी का किला ढहाने पश्चिम बंगाल पहुंचे शिवराज सिंह (ETV Bharat)

कैलाश के बाद शिवराज को उतारने की जानिए वजह

शिवराज सिंह चौहान की सबसे ज्यादा लोकप्रियता महिला वोटर्स में है. पश्चिम बंगाल की सभाओं में भी शिवराज इसी वोटर को सबसे पहले अड्रैस करते हैं. शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल में मेदिनीपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती अग्निमित्रा पॉल, घाटल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी हिरोनमोय चट्टोपाध्याय और श्रीरामपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी कबीर शंकर बोस के समर्थन में चुनावी जनसभाएं की. बीजेपी ने पहले पार्टी महासचिव के रूप में पश्चिम बंगाल में कैलाश विजयवर्गीय को जवाबदारी सौंपी थी. उनके बाद शिवराज को यहां चुनाव प्रचार में भेजने की क्या वजह है.

वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं कि "ये लोहे को लोहा काटता वाला हिसाब है. ममता दीदी का भी अपने इलाके में एक इमोशनल जुड़ाव है और शिवराज भी उसी मामा की छवि के साथ एक नया कनेक्ट बनाने पहुंचे हैं." एमपी के पूर्व सीएम शिवराज की जनसभाओं में खास उन्हीं मुद्दों पर निशाना साधा जाता है, जो ममता बैनर्जी की ताकत कहे जाते हैं.

SHIVRAJ CHOUHAN FIGHTER WEST BENGAL
पश्चिम बंगाल में शिवराज को प्रचार की कमान (ETV Bharat)

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भोपाल। चुनाव में जनता से जुड़ने के लिए ममता बनर्जी हर बार कोई न कोई ऐसा इमोशनल कार्ड जरूर खेलती हैं जिससे देखा जाता है कि उनका पलड़ा भारी हो जाता है और वे चुनाव में बाजी मार ले जाती है. बीजेपी ने अब इसका तोड़ निकाल लिया है. एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह भी इस खेल के बेताज बादशाह माने जाते हैं. जनता से खुद को कैसे कनेक्ट करना है, उनके बीच कैसे अपनी पैठ बनाना है ये शिवराज से ज्यादा और कोई नहीं जानता. ऐसे में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को मात देने के लिए बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने नया चक्रव्यूह तैयार किया है. इस नए प्लान में सबसे पहले शिवराज सिंह चौहान को दीदी के गढ़ में उतारा गया है. मध्यप्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल और दिल्ली की लोकसभा सीटों पर शिवराज को भेजे जाने के पीछे बीजेपी हाईकमान की रणनीति क्या है.

MAMATA BANERJEE LOK SABHA SEAT
पश्चिम बंगाल में शिवराज सिंह चौहान ने भरी हुंकार (ETV Bharat)

पहले कैलाश और अब शिवराज

एमपी के चुनाव से फारिग हो जाने के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अब बीजेपी उन राज्यों में भेज रही हैं, जहां बीजेपी की पिच मजबूत नहीं है. पश्चिम बंगाल में एमपी के ही कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान को उतारा है. ममता दीदी के गढ़ में मामा शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की मेदनीपुर घाटल और श्रीरामपुर लोकसभा सीट पर सभाएं ली हैं. पार्टी के सबसे भरोसेमंद चेहरे में गिने जाने वाले शिवराज सिंह चौहान की पश्चिम बंगाल की परफार्मेंस रिपोर्ट उनकी केन्द्र की राजनीति पर कितना असर डालेगी.

AMIT SHAH BENGAL LOK SABHA WIN PLAN
प्रचार के दौरान शिवराज ने ममता बनर्जी पर कसे तंज (ETV Bharat)

पश्चिम बंगाल की ये सीटें बनीं शिवराज का इम्तेहान

एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा लोकसभा सीट से खुद चुनाव लड़ा. इसके अलावा भी एमपी की दो दर्जन से ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे. अब एमपी की 29 लोकसभा सीटों पर प्रचार खत्म हो जाने के बाद पार्टी ने शिवराज को ममता दीदी के गढ़ पश्चिम बंगाल में उतारा है. जिस इमोशनलकार्ड के साथ ममता बैनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अपना जुड़ाव बनाया है, उसमें सेंध लगाने बीजेपी का मामा दांव कितना सफल हो पाएगा.

वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि "असल में शिवराज सिंह चौहान की इमेज ही एक सहज सुलभ राजनेता की है. उनकी भाषण शैली सभाओं में उनका आत्मीय अंदाज उन्हें खास तौर पर युवाओं और महिला वर्ग में जल्द कनेक्ट करता है. इस नजरिए से देखिए तो बंगाल की जिन सीटों पर शिवराज को प्रचार की कमान दी गई है वे वहां पर दीदी का जादू बेअसर करने की पूरी कोशिश करेंगे. पश्चिम बंगाल की मेदिनीपुर , घाटल और श्रीरामपुर वो लोकसभा सीटें हैं जहां शिवराज को जनसभाओं के साथ बीजेपी का वोट शेयर बढ़ाने की जवाबदारी सौंपी गई है."

BJP Campaign In West Bengal
दीदी का किला ढहाने पश्चिम बंगाल पहुंचे शिवराज सिंह (ETV Bharat)

कैलाश के बाद शिवराज को उतारने की जानिए वजह

शिवराज सिंह चौहान की सबसे ज्यादा लोकप्रियता महिला वोटर्स में है. पश्चिम बंगाल की सभाओं में भी शिवराज इसी वोटर को सबसे पहले अड्रैस करते हैं. शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल में मेदिनीपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती अग्निमित्रा पॉल, घाटल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी हिरोनमोय चट्टोपाध्याय और श्रीरामपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी कबीर शंकर बोस के समर्थन में चुनावी जनसभाएं की. बीजेपी ने पहले पार्टी महासचिव के रूप में पश्चिम बंगाल में कैलाश विजयवर्गीय को जवाबदारी सौंपी थी. उनके बाद शिवराज को यहां चुनाव प्रचार में भेजने की क्या वजह है.

वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं कि "ये लोहे को लोहा काटता वाला हिसाब है. ममता दीदी का भी अपने इलाके में एक इमोशनल जुड़ाव है और शिवराज भी उसी मामा की छवि के साथ एक नया कनेक्ट बनाने पहुंचे हैं." एमपी के पूर्व सीएम शिवराज की जनसभाओं में खास उन्हीं मुद्दों पर निशाना साधा जाता है, जो ममता बैनर्जी की ताकत कहे जाते हैं.

SHIVRAJ CHOUHAN FIGHTER WEST BENGAL
पश्चिम बंगाल में शिवराज को प्रचार की कमान (ETV Bharat)

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Last Updated : May 18, 2024, 5:10 PM IST
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