नई दिल्ली : दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में आरोपी अमित कात्याल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. स्पेशल जज विशाल गोगने ने 21 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया. इस मामले में 9 जनवरी को ईडी ने चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी ने चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, ह्रदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपी बताया था. इसके बाद ईडी ने अमित कात्याल को गिरफ्तार कर लिया था.
वहीं, कोर्ट ने 28 फरवरी को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हीमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर नियमित जमानत दे दी थी. लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी से पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई का मामला भी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में ही चल रहा है.
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सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे. लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. इसलिए भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा गया था और इस काम को पूरा करने के लिए भोला यादव को सौंपा गया था.
साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भोला यादव बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे. बता दें, सीबीआई ने मई के तीसरे सप्ताह में लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर भी छापेमारी की थी.
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