सवाई माधोपुर: रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मेले में शनिवार को गणेश चतुर्थी के मुख्य दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े. श्रद्धालुओं ने आज त्रिनेत्र गणेश जी के हाजरी लगाई और मनौतियां मांगी. रणथंभौर की हरी-भरी वादियां त्रिनेत्र गणेश के जयकारों से गूंज उठी. त्रिनेत्र गणेश मेले में ऐसा श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा कि पुलिस प्रशासन को व्यवस्थाएं बनाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
रणथंभौर सर्किल से त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक पूरा इलाका श्रद्धालुओं की से अटा हुआ था. मार्ग में पैर रखने तक को जगह नहीं बची. वहीं रणथंभौर सर्किल से लेकर दुर्ग तक दर्जनों की संख्या में श्रद्धालुओं के लिए भंडारों का आयोजन किया गया. वहीं वतन फाउंडेशन टीम के द्वारा गणेश चतुर्थी पर गणेश मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चाय पिलाकर उनकी सेवा की. मेला मजिस्ट्रेट अनिल चौधरी ने बताया कि पुलिस, एएसआई ऑफिस और फॉरेस्ट विभाग की ओर से यहां पूरे माकूल इंतजाम किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि प्रशासन का विशेष फोकस था कि यहां गणेश जी के आने वाले श्रद्धालु इत्मीनान के साथ दर्शन करें और सुरक्षित वापस लौटें. दुर्ग के आसपास जितने भी वाटर पॉइंट थे, वहां माकूल इंतजाम किए गए थे. जिसमें बैरिकेडिंग, गोताखोर और पुलिस स्टाफ की व्यवस्थाएं की गई. मेला मजिस्ट्रेट ने कहा कि आज गणेश चतुर्थी है और मेला परवान पर है. बारिश के चलते सभी जगह पर पानी की आवक होने के कारण श्रद्धालुओं में कमी देखी गई. लेकिन अभी त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन करने के लिए काफी श्रद्धालु गणेश मंदिर पहुंचेंगे.
वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह ने त्रिनेत्र गणेश मेले की व्यवस्था को लेकर कहा कि मेले में सुरक्षा के हिसाब से बहुत अच्छे इंतजाम किए गए हैं. मेला क्षेत्र को 10 सेक्टर में बांटकर ड्यूटी लगाई गई. जिसमें 12-12 घंटे के हिसाब से सेवाएं लगाई गई. वहीं मुख्य मेला जो गणेश मंदिर पर रहता है, वहां तीन प्रभारी 8-8 घंटे के लिए लगाए गए थे. जिससे कि त्रिनेत्र गणेश मेले में किसी प्रकार की अवस्थाएं ना हों.
वहीं गणेश मंदिर के महंत संजय दाधीच ने कहा कि आज गणेश जन्मोत्सव के उपलक्ष में मंदिर में कई आयोजन किए गए. सुबह 5:00 गणेश जी को पंचामृत स्नान करवाया गया. अभिषेक और आरती की गई. उसके बाद फिर 7:00 बजे गणेश जी का अभिषेक कर आरती की गई. इसके बाद 10 बजे त्रिनेत्र गणेश भगवान के जन्मोत्सव का विशेष श्रृंगार शुरू किया गया. गणेश जी का विशेष श्रृंगार कर नवीन वस्त्र, सोने-चांदी के वर्क एवं विशेष मुकुट छत्र अर्पित किया गया. इसके बाद आरती कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया.