जयपुर: राजधानी समेत प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी है. जयपुर में अच्छी बारिश होने से सभी प्राचीन जल स्रोत पानी से लबालब हो गए हैं. आमेर के मावठा सरोवर में 13 साल बाद मोरी लगी है. सरोवर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मावठा सरोवर आमेर किले की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है. इससे पहले मावठा के सरोवर में 2012 में मोरी लगी थी. वहीं, सागर झील में भी पानी लबालब भरा हुआ है. मावठा सरोवर और सागर झील को देखने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.
आमेर महल की तलहटी पर मावठा सरोवर भरने से आमेर क्षेत्र में जलस्तर भी बढ़ने लगा है. आमेर के कुएं, बोरिंग, हैंडपंपों और बावड़ियों में पानी रिचार्ज हो रहा है. मावठा सरोवर की गहराई क्षमता करीब 22 फीट है. रात के समय लाइटिंग और दिन में सूर्य की रोशनी में मावठा सरोवर में आमेर महल का प्रतिबिंब काफी खूबसूरत दिखाई दे रहा है. देशी-विदेशी पर्यटक सेल्फी अपने मोबाइल में कैद करते हुए नजर आ रहे हैं. सुरक्षा की दृष्टि से आमेर महल प्रशासन की ओर से मावठा सरोवर के चारों तरफ होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं, तो वहीं सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रखी जा रही है.
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रिसाव रोकने का मांग : स्थानीय पार्षद हनुमान गुर्जर ने बताया कि आमेर का मावठा सरोवर लबालब भरने से पानी का रिसाव भी होने लगा है. मावठा सरोवर का पानी रिसाव होकर राम बाग में भरने लगा है. ऐसे में लोगों के मन में डर बना हुआ है कि अगर मावठा सरोवर टूट गया तो बड़ा नुकसान होने की आशंका है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मावठा सरोवर में हो रहे पानी के रिसाव को रोकना रोका जाए, ताकि सरोवर की पाल टूटने का खतरा ना हो.
वहीं, सागर झील में पानी भरने से काफी संख्या में पर्यटक देखने के लिए पहुंच रहे हैं. सागर बांध पर लीकेज होने की वजह से पानी बाहर निकल रहा है. पानी के लीकेज से बड़ा हादसा होने की भी आशंका बनी हुई है. जयपुर के तालाब, झील, सागर, मावठा सरोवर और बावड़ियों में बारिश का पानी भर गया है. जल स्रोतों में पानी की अच्छी आवक होने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है.