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अमेरिका के एक्सपर्ट उत्तर प्रदेश में करेंगे ज्वार की खेती, किसानों तक पहुंचेंगे स्पेशल बीज

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और अमेरिका की संस्था यूनाइटेड शोरगम के बीच बनी सहमति

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

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सीएसए विश्वविद्यालय में यूनाइटेड सरगम संस्था के सीईओ नेट ब्लम के साथ मौजूद सीएसए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद सिंह। (Media Cell CSA UNIVERSITY)

कानपुर: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए विवि) के वैज्ञानिक अब उत्तर प्रदेश में ज्वार (शोरगम) की उत्पादकता, गुणवत्ता समेत अन्य विशेषताएं बढ़ाने के लिए अमेरिका के विशेषज्ञों की मदद लेंगे.

अब अमेरिका के विशेषज्ञ सीएसए विश्वविद्यालय का दौरा कर चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में ज्वार की बेहतर से बेहतर फसल तैयार करने के लिए सहमति जताई है. कुछ दिनों पहले सीएसए विवि में जापान के कई विशेषज्ञों ने उत्तर प्रदेश का पहला मॉडल खेत विकसित करने की दिशा में कवायद शुरू की थी.

सीएसए विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ. पीके सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)
पश्चिम के जिलों से करेंगे शुरुआत: कुछ दिनों पहले शोरगम को लेकर हुए ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन में अमेरिका स्थित संस्था यूनाइटेड शोरगम के सीईओ नेट ब्लम ने सीएसए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद सिंह, शोध निदेशक डॉ पीके सिंह समेत कई अन्य वैज्ञानिकों से ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन पर विस्तार से बात की थी. सत्र के दौरान ही यह तय हुआ कि ज्वार की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए काम करेंगे. ज्वार की उत्पादकता अधिक होने वाले कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद समेत अन्य जिलों में नए तरीके से फसलें उगाई जाएंगी. इसके बाद जो कुल उत्पादकता होगी उसके मुताबिक ही किसानों के लिए बीज भी तैयार किए जाएंगे.


दुनिया के कई देशों में उत्तर प्रदेश के ज्वार की मांग: सीएसए विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ पीके सिंह ने बताया कि हम ज्वार की उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में इसलिए काम करेंगे. ताकि जो उत्तर प्रदेश का ज्वार है, वह दुनिया के कई देशों में पहुंच सके. पहले से ही दुनिया के तमाम देशों में उत्तर प्रदेश के ज्वार की बहुत ज्यादा मांग है. हम अमेरिका की संस्था यूनाइटेड सरगम के साथ ज्वार के एक्सपोर्ट वैल्यू एडिशन और अधिक उत्पादन पर काम करेंगे. बहुत जल्द संस्था की ओर से हमें प्रस्ताव मिलने वाला है. आने वाले समय में सीएसए विश्वविद्यालय से ही किसानों को ज्वार के स्पेशल बीज भी मुहैया कराएंगे.

इसे भी पढ़ें-जौ की नई प्रजाति ऊसर भूमि को बनाएगी उपजाऊ, सीएसए ने विकसित किया 'आजाद 34'

कानपुर: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए विवि) के वैज्ञानिक अब उत्तर प्रदेश में ज्वार (शोरगम) की उत्पादकता, गुणवत्ता समेत अन्य विशेषताएं बढ़ाने के लिए अमेरिका के विशेषज्ञों की मदद लेंगे.

अब अमेरिका के विशेषज्ञ सीएसए विश्वविद्यालय का दौरा कर चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में ज्वार की बेहतर से बेहतर फसल तैयार करने के लिए सहमति जताई है. कुछ दिनों पहले सीएसए विवि में जापान के कई विशेषज्ञों ने उत्तर प्रदेश का पहला मॉडल खेत विकसित करने की दिशा में कवायद शुरू की थी.

सीएसए विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ. पीके सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)
पश्चिम के जिलों से करेंगे शुरुआत: कुछ दिनों पहले शोरगम को लेकर हुए ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन में अमेरिका स्थित संस्था यूनाइटेड शोरगम के सीईओ नेट ब्लम ने सीएसए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आनंद सिंह, शोध निदेशक डॉ पीके सिंह समेत कई अन्य वैज्ञानिकों से ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन पर विस्तार से बात की थी. सत्र के दौरान ही यह तय हुआ कि ज्वार की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए काम करेंगे. ज्वार की उत्पादकता अधिक होने वाले कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद समेत अन्य जिलों में नए तरीके से फसलें उगाई जाएंगी. इसके बाद जो कुल उत्पादकता होगी उसके मुताबिक ही किसानों के लिए बीज भी तैयार किए जाएंगे.


दुनिया के कई देशों में उत्तर प्रदेश के ज्वार की मांग: सीएसए विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ पीके सिंह ने बताया कि हम ज्वार की उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में इसलिए काम करेंगे. ताकि जो उत्तर प्रदेश का ज्वार है, वह दुनिया के कई देशों में पहुंच सके. पहले से ही दुनिया के तमाम देशों में उत्तर प्रदेश के ज्वार की बहुत ज्यादा मांग है. हम अमेरिका की संस्था यूनाइटेड सरगम के साथ ज्वार के एक्सपोर्ट वैल्यू एडिशन और अधिक उत्पादन पर काम करेंगे. बहुत जल्द संस्था की ओर से हमें प्रस्ताव मिलने वाला है. आने वाले समय में सीएसए विश्वविद्यालय से ही किसानों को ज्वार के स्पेशल बीज भी मुहैया कराएंगे.

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