लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर का मुख्तार प्रेम कम नहीं हो रहा है. यही वजह है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को विधायक बनाया. अब बहुचर्चित एंबुलेंस प्रकरण में मुख्तार की सह आरोपी डॉ.अलका राय पार्टी में शामिल करा दिया.
हालांकि विवाद बढ़ने पर पार्टी की ओर से सफाई दी गई है कि अलका राय की ज्वाइनिंग नहीं कराई गई है. दरअसल, शनिवार को मऊ जिले के रतनपुरा में आयोजित रैली में ओमप्रकाश राजभर ने पूर्व भाजपा नेता डॉ. अलका राय को अपनी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई.
अलका राय बहुचर्चित एंबुलेंस प्रकरण में मुख्तार अंसारी के साथ आरोपी हैं. अलका मऊ जिले में भारतीय जनता पार्टी का बड़ा चेहरा रही हैं. हालांकि एंबुलेंस प्रकरण में उनका नाम सामने आने के बाद भाजपा से उन्हें निकाल दिया गया था.
वर्ष 2022 में जब अलका राय को गिरफ्तार किया गया था तब उन्होंने कहा था कि बीते डेढ़ वर्षों से उन्हें एंबुलेंस प्रकरण के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है. एंबुलेंस प्रकरण से मेरा कोई लेना देना भी नहीं रहा है, बावजूद इसके मुझे बेघर कर दिया गया. पिछले डेढ़ सालों में पुलिस को किसी भी तरह मेरे और मुख्तार अंसारी के बीच कोई संबंध नहीं मिला है.
हालांकि अलका राय की ज्वाइनिंग पर विवाद बढ़ा तो सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी की ओर से सफाई भी आ गई. पार्टी के महासचिव और पार्टी अध्यक्ष ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर ने कहा कि अलका राय को लेकर मीडिया में भ्रामक खबर चलाई जा रही है. अलका राय को सदस्यता नहीं दिलाई गई है.
ये पहली बार नहीं है, जब ओम प्रकाश राजभर का बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी और उससे जुड़े लोगों के प्रति प्रेम उमड़ा है. वर्ष 2022 में समाजवादी पार्टी के साथ मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले ओम प्रकाश राजभर ने मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को मऊ सीट से प्रत्याशी बनाया था.
वो विधायक भी बन गए. हालांकि सपा छोड़ बीजेपी के साथ आने पर सुभासपा चीफ ओपी राजभर ने कहा था कि अब्बास को सिर्फ उन्होंने टिकट दिया था. नेता वो समाजवादी पार्टी के ही थे.
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