अंबाला: हरियाणा रोडवेज के अंबाला बस डिपो के कर्मचारी वर्कशॉप में हड़ताल पर बैठ गए और कामकाज ठप कर दिया. कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि अंबाला डिपो में जितनी बसे हैं, वे टाटा कंपनी की है. लेकिन अब यहां पर भिवानी डिपो से पुरानी अशोक लीलैंड की बसें शिफ्ट की गई हैं और उनके बदले में प्रशासन ने कई बसें अंबाला डिपो से भिवानी डिपो और एनसीआर में देने का फैसला किया है. प्रशासन के इसी फैसला का वे विरोध कर रहे हैं.
रोडवेज कर्मचारियों की क्या है परेशानी: रोडवेज कर्मचारियों ने बताया कि विभाग द्वारा 650 नई बसें खरीदी जानी है. नई बसों में से सभी डिपो में दे दी जाए. अन्य डिपुओं से इस तरह से बसें न शिफ्ट की जाए और अंबाला डिपो हिल एरिया डिपो है. पुरानी बसें अगर यहां चलेगी, तो कोई हादसा भी हो सकता है. इसके साथ-साथ अंबाला डिपो में सभी बसें टाटा कंपनी की है. स्पेयर पार्ट यहां पर टाटा कंपनी का ही है. अगर इन बसों में कोई दिक्कत आती है, तो मैंटेनेंस करने में भी परेशानी होगी.
'अपने फैसले को रद्द करें विभाग': रोडवेज कर्मचारियों ने बताया कि भिवानी से जो बसें यहां यानी अंबाला में भेजी गई हैं, वे सभी लीलैंड की बसें हैं. जबकि अंबाला में टाटा का डिपो है. इसलिए रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि जो 650 बसें सरकार द्वारा खरीदी जा रही है वो सभी बसें एनसीआर के डिपो में भेजें और इस फैसले को रद्द करें. वरना यहां पर बहुत ज्यादा परेशानी हो जाएगी.
रोडवेज कर्मचारियों की चेतावनी: वहीं, रोडवेज कर्मचारियों ने प्रशासन पर आरोप लगाए हैं, कि प्रशासन उनसे वो काम कराना चाहते हैं जो वे करना ही नहीं चाहते. न यहां पर कोई सुख-सुविधा की सुध लेने वाला है. पूरी तरह से ठप व्यवस्था को नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तुरंत सरकार हमारी ये मांगें माने वरना हम गेट बंद तक करने से भी पीछे नहीं हटेंग.
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