अनूपपुर : समुद्र तल से 1065 मीटर ऊंचाई पर विंध्य और सतपुड़ा मैकल पहाड़ी के केंद्र बिंदु पर स्थित नर्मदा की उद्गम पवित्र नगरी अमरकंटक में वर्ष 2024 की विदाई से 15 दिन पहले तापमान 0 डिग्री से नीचे आ गया. नर्मदा उद्गम स्थल से लेकर कपिलधारा तक पूरे अमरकंटक नगर में सुबह जमावभरी ठंड रही. घास के साथ ही नर्मदा तट और आसपास जंगल क्षेत्र में आई तापमान की गिरावट से ओस ने पूरी तरह से बर्फ का रूप ले लिया. नर्मदा का जल भी पूरी तरह से ठहरा हुआ जकड़ा है. चारों तरफ हरी घास सफेद और कठोर हो गई. वाहनों के साथ ही घरों की छत पर बर्फ जम गई. अमरकंटक आए पर्यटकों, श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने कड़कड़ाती ठंड के बावजूद सुबह बाहर निकलकर इस खूबसूरत नजारे को निहारा.
वाहनों के साथ ही घास पर चढ़ी बर्फ की चादर
अमरकंटक के सभी पर्यटन स्थलों पर बर्फ जैसी सफेद चादर सुबह तक मौजूद रही. सुबह 9 बजे तक लोगों को यह प्राकृतिक छटा देखने को मिली. यहां का वातावरण इन दिनों शिमला व पचमढ़ी को फेल कर रहा है. सुबह जकड़न वाली ठंड के चलते नर्मदा में डुबकी लगाने लोग सुबह साहस नहीं कर सके. धूप निकलने के बाद जब ओस पिघल गई, तब रामघाट, कोटि तीर्थ कुंड में श्रद्धालुओं ने ठंडे जल में डुबकी लगाई. गलनभरी ठंड से अमरकंटक सहित पुष्पराजगढ़ के ग्रामीण अंचल भी कांप रहा है. जिला मुख्यालय अनूपपुर समेत सभी ग्रामीण और नगर क्षेत्र में भारी ठंड है. सुबह अमरकंटक का न्यूनतम तापमान 0 डिग्री दर्ज किया गया. यहां शाम 3 बजे से वातावरण में गलाव वाली ठंड शुरू हो जाती और 8 बजे तक यहां चहल-पहल बाजार तथा सड़क से गायब हो जाती.
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ठंड के मौसम में पर्यटकों को आकर्षित कर रहा अमरकंटक
उत्तर भारत से चलने वाली बर्फीली हवाओं की वजह से लगातार अमरकंटक सहित समूचे जिले के तापमान में लगातार गिरावट आ रही है. पेड़-पौधे, पशुओं सहित इंसानों पर ठंड का कहर बना हुआ है. पिछले वर्ष अमरकंटक में तापमान निचले स्तर पर नहीं आ पाया था. पिछले 3 वर्ष बाद यहां कड़ाके की ठंड दिसंबर में लौट कर आई है. अमरकंटक में मौजूद पर्यटक और श्रद्धालु यहां के ठंड भरे मौसम का भरपूर आनंद उठा रहे हैं. बर्फ जमने जैसी तस्वीरों को कैमरे में कैद कर रहे हैं.